नई दिल्ली, 12 नवंबर (आईएएनएस)। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच टेस्ट इतिहास में अब तक 44 मुकाबले खेले गए हैं। इस दौरान सिर्फ एक ही बल्लेबाज तिहरा शतक लगा सका है। यह कोई और नहीं, बल्कि भारत के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग हैं। आइए, इस मुकाबले के बारे में विस्तार से जानते हैं।
साल 2008 में भारत और साउथ अफ्रीका की टीमों ने यह मुकाबला चेन्नई के मैदान पर 26-30 मार्च के बीच खेला था।
मुकाबले में साउथ अफ्रीका ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला लिया। कप्तान ग्रीम स्मिथ ने नील मैकेंजी के साथ पहले विकेट के लिए 132 रन की साझेदारी की। स्मिथ 97 गेंदों में 73 रन बनाकर आउट हुए, जबकि मैकेंजी ने 94 रन की पारी खेली। इनके अलावा हाशिम अमला ने 159 रन टीम के खाते में जोड़े। साउथ अफ्रीकी टीम 540 रन पर ऑलआउट हुई।
इस पारी में भारत की ओर से हरभजन सिंह ने 164 रन देकर सर्वाधिक 5 विकेट हासिल किए, जबकि अनिल कुंबले ने 2 विकेट निकाले।
इसके जवाब में वीरेंद्र सहवाग और वसीम जाफर की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 213 रन जुटाते हुए भारत को मजबूत शुरुआत दिलाई। जाफर 1 छक्के और 6 चौकों के साथ 73 रन बनाकर आउट हुए।
यहां से वीरेंद्र सहवाग ने राहुल द्रविड़ के साथ दूसरे विकेट के लिए 268 रन जोड़ते हुए टीम को मजबूत स्थिति में ला दिया।
सहवाग 304 गेंदों में 5 छक्कों और 42 चौके के साथ 319 रन बनाकर आउट हुए, जबकि द्रविड़ ने 111 रन की पारी खेली। साउथ अफ्रीका की ओर से डेल स्टेन ने सर्वाधिक 4 विकेट निकाले, जबकि मखाया एंटिनी और पॉल हैरिस को 3-3 सफलताएं हाथ लगीं।
भारत के पास पहली पारी के आधार पर बढ़त थी। दूसरी पारी में साउथ अफ्रीकी टीम ने 109 ओवरों के खेल में 5 विकेट खोकर 331 रन बनाए। इस पारी में नील मैकेंजी 155 रन बनाकर नाबाद रहे। मुकाबला आखिरकार ड्रॉ रहा।

