नई दिल्ली, 13 नवंबर (आईएएनएस)। भाप लेना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका इस्तेमाल प्राचीन काल से सर्दी और उससे जुड़ी परेशानियों में होता आया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भाप सिर्फ सर्दी-जुकाम में नहीं, बल्कि शरीर को साफ करने से लेकर चेहरे पर निखार लाने में भी सहायक है?
आयुर्वेद में भाप लेने की प्रक्रिया को ‘स्वेदन कर्म’ कहा गया है। इसका प्रयोग शरीर में जमा ‘आम’ यानी टॉक्सिन को बाहर निकालने के लिए होता आया है। इससे शरीर की शुद्धि होती है और शरीर गर्म भी रहता है। भाप लेने से वात और कफ दोनों रोग संतुलित रहते हैं और संक्रमण से छुटकारा मिलता है, लेकिन भाप का प्रयोग चेहरे पर निखार, शरीर की अकड़न, सिर दर्द की परेशानी और मानसिक तनाव को कम करने में भी किया जाता है।
सबसे पहले जानते हैं कि भाप लेने से त्वचा कैसे निखर सकती है और इसके लिए किस विधि से भाप लेनी चाहिए। भाप लेने से त्वचा के रोम छिद्र खुल जाते हैं और उनके अंदर जमा गंदगी बाहर निकल जाती है और चेहरे की रंगत निखर जाती है। इसके लिए पानी में गुलाब जल और ग्लिसरीन डालकर भाप लेना अच्छा होता है। ग्लिसरीन चेहरे की नमी बनाए रखती है।
दूसरा, अगर सिर में भारीपन लग रहा है और तनाव महसूस हो रहा है, तो इसके लिए भी भाप कारगर उपाय है। पानी में चंदन के तेल और लैवेंडर के तेल की कुछ बूंदें डालें और गहरी सांस अंदर की तरफ खींचे। इससे तनाव कम होगा और दर्द में भी राहत मिलेगी। लैवेंडर का तेल अच्छी नींद लाने में भी सहायक होता है।
गले की खराश और भयंकर खांसी होने की स्थिति में भी भाप का सहारा लेना चाहिए। इसके लिए पानी में मुलेठी और हल्दी डालकर भाप लेनी चाहिए। ये गले के संक्रमण को कम करता है और खांसी में आराम देता है। सर्दी-जुकाम होने पर और शरीर में अकड़न होने पर भाप लेने से राहत पाई जा सकती है। भाप लेने के लिए पानी में तुलसी की कुछ पत्तियां, लौंग और अजवाइन डालकर अच्छे से उबाल लें और फिर भाप लें। इससे छाती में जमने वाला बलगम आसानी से बाहर आ जाएगा।

