एनएच-66 एलिवेटेड हाईवे निर्माण हादसे पर सांसद केसी वेणुगोपाल ने मंत्रालय को लिखा पत्र

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नई दिल्ली, 13 नवंबर (आईएएनएस)। लोक लेखा समिति के अध्यक्ष और सांसद केसी वेणुगोपाल ने राष्ट्रीय राजमार्ग-66 के अरूर-थुरावूर एलिवेटेड राजमार्ग निर्माण खंड पर हुई एक और दुखद दुर्घटना को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में परियोजना के निर्माण के तरीके को ‘खतरनाक और गैरजिम्मेदाराना’ बताया है।

जानकारी के अनुसार, गुरुवार सुबह हुई इस घटना में एक विशाल कंक्रीट का गर्डर अचानक एक गुजरती हुई पिकअप वैन पर गिर गया, जिससे पल्लिप्पड़ निवासी चालक राजेश की मृत्यु हो गई। गिरे हुए ढांचे के नीचे वैन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।

उन्होंने पत्र में लिखा कि दुर्घटना की प्रारंभिक जानकारी चौंकाने वाली लापरवाही की ओर इशारा करती है। कथित तौर पर, गर्डर को उठाने के लिए इस्तेमाल किया गया हाइड्रोलिक जैक फिसल गया, जिससे वह ढह गया।

सांसद वेणुगोपाल ने इस बात पर जोर दिया है कि दुर्घटना से ठीक पहले यातायात नियंत्रण हटा लिया गया था, जो बुनियादी सुरक्षा प्रोटोकॉल की खतरनाक उपेक्षा को दर्शाता है। उन्होंने इसे ‘इंजीनियरिंग की लापरवाही नहीं, बल्कि कर्तव्य का घातक उल्लंघन’ करार दिया है।

सांसद वेणुगोपाल ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने स्वयं कई मौकों पर इन सुरक्षा चिंताओं को औपचारिक रूप से उठाया है और विस्तृत ज्ञापन सौंपे हैं। लोक लेखा समिति के अध्यक्ष के रूप में साइट के क्षेत्रीय दौरे के दौरान भी एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने अस्थिर अस्थायी ढांचे और खतरनाक निर्माण विधियों को प्रत्यक्ष रूप से देखा था। बार-बार चेतावनियों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण, यह खंड एक सबसे खतरनाक दुर्घटना क्षेत्र बन गया है, जहां 40 से ज्यादा मौतें और कई गंभीर चोटें हो चुकी हैं।

उन्होंने इसे ‘आपराधिक विफलता’ के समान बताते हुए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

उन्होंने निर्माण कंपनी, ठेकेदारों और पर्यवेक्षी अधिकारियों के विरुद्ध कठोर, समयबद्ध और अनुकरणीय कार्रवाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने लापरवाही के कारण हुई मृत्यु के लिए आपराधिक कार्यवाही शुरू करने और राजेश के परिवार को पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप तुरंत हस्तक्षेप करें और सुनिश्चित करें कि निर्माण कंपनी, ठेकेदारों और उन सभी अधिकारियों के विरुद्ध कठोर, समयबद्ध और अनुकरणीय कार्रवाई की जाए, जिनकी लापरवाही के कारण यह दुर्घटना हुई है।