‘दे दे प्यार दे 2’ मूवी रिव्यू: अजय देवगन और आर. माधवन अभिनीत फिल्म, जो परफेक्ट फैमिली एंटरटेनर है

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निर्देशक: अंशुल शर्मा, लेखक: लव रंजन, तरुण जैन, कलाकार: अजय देवगन, आर. माधवन, रकुल प्रीत सिंह, जावेद जाफरी, मीजान, गौतमी कपूर, इशिता दत्ता, अवधि: 146 मिनट, रेटिंग: 4.5

‘दे दे प्यार दे 2’ एक ऐसी बेहतरीन फिल्म है, जो आपको इमोशनल करने के साथ चेहरे पर मुस्कान भी ला देगी। फिल्म का सीक्वल न केवल साल 2019 की ब्लॉकबस्टर मूवी के स्तर का है, बल्कि उसमें प्यार, ह्यूमर और एक ऐसी कहानी जोड़ता है, जो एक जुड़ाव महसूस कराती है।

जहां आज के दौर में थ्रिलर और हाई-ऑक्टेन फिल्मों की भरमार है, वहीं ‘दे दे प्यार दे 2’ एक सच्चे फैमिली एंटरटेनर के रूप में खुद को साबित करती है।

यह एक ऐसी फिल्म है जो परिवार के बारे में है। बेशक, इस फिल्म को परिवार के साथ ही देखा जाना चाहिए, चाहे आप एक माता-पिता हों, एक युवा हों, या एक बेटी जो अपने पिता के साथ एक खास रिश्ता साझा करती है। यह फिल्म आपके दिल को छू जाएगी।

इस फिल्म ने दर्शकों को जमकर तालियां और सीटियां बजाने को मजबूर किया है। फिल्म में कॉमेडी और दिल छू लेने वाले इमोशनल सीन के बीच बेहतरीन संतुलन नजर आता है। इसके साथ ही यह प्यार और रिश्तों के बीच गहरा संदेश भी देती है।

इस फिल्म के मुख्य किरदार अजय देवगन ने फिल्म में शानदार अभिनय किया है। वह बेहद सधी हुई कॉमेडी और इमोशन के बीच बड़ी आसानी से स्विच करते नजर आए हैं। यह फिल्म उनके फैंस के लिए एक शानदार तोहफा है। कई एक्शन-पैक्ड रोल के बाद अजय देवगन को एक बार फिर रोमांटिक-कॉमेडी जोन में देखना ताजगी भरा लगता है।

दूसरी ओर, आर. माधवन इस कहानी में जान फूंकते हैं। एक ऐसा पिता, जो जटिल भावनाओं से जूझ रहा है, पूरी गर्मजोशी और भावनात्मक कोमलता का पावरहाउस बनकर उभरा है। अजय देवगन के साथ उनके सीन पैसा वसूल हैं, जहां ह्यूमर और दिल की गहराई बड़ी खूबसूरती से एक-दूसरे में घुल-मिल जाती है।

यह कहना गलत नहीं होगा कि लीड एक्ट्रेस रकुल प्रीत सिंह ने इस फिल्म में अपने करियर का अब तक का सर्वश्रेष्ठ अभिनय प्रस्तुत किया है। वह पर्दे पर बेहद आकर्षक और आत्मविश्वासी नजर आई हैं।

जावेद जाफरी हर बार की तरह इस बार भी स्क्रीन पर आते ही आपको हंसा-हंसाकर लोटपोट कर देंगे। वहीं, दूसरे भाग में मीजान की एंट्री प्रभावशाली है। वह सहज रूप से आकर्षक लगते हैं और सीमित स्क्रीन टाइमिंग में भी अपनी गहरी छाप छोड़ते हैं।

फिल्म में सहायक कलाकार गौतमी, इशिता और सुहासिनी मुले फिल्म में गहराई लेकर आती हैं। उनका अभिनय इस शानदार फिल्म को बेहद खूबसूरती से पूरा करता है।

निर्देशक अंशुल शर्मा ने ‘दे दे प्यार दे 2’ में प्यार, ह्यूमर और सहज कहानी कहने की कला को बखूबी पिरोया है।

दमदार कास्ट को एक साथ बुनते हुए और उन्होंने हर कलाकार को अपनी छाप छोड़ने का भरपूर मौका दिया है। वह फिल्म के इमोशनल बीट्स और कॉमिक टाइमिंग को जिस नजाकत से संतुलित करते हैं, वह काबिल-ए-तारीफ है।

सिर्फ फ्रेंचाइजी के नाम पर पैसा कमाने के लिए बने कई सीक्वेल के उलट, ‘दे दे प्यार दे 2’ फिल्म के पहले हिस्से की बिल्कुल स्वाभाविक, ऑर्गेनिक अगली कड़ी लगती है।

जब आपको लगता है कि फिल्म में अब सब देख लिया, तभी आखिरी 20–30 मिनट आपको एक इतना संतोषजनक, भावनात्मक और दिल छू लेने वाला क्लाइमैक्स देते हैं कि हाल के समय में इसकी मिसाल बेहद कम ही मिलेगी। यह भावनाओं का एक ऐसा रोलरकोस्टर है, जो आपको एक बड़ी मुस्कान के साथ सिनेमाहॉल से बाहर निकलने पर मजबूर कर देगा।

‘दे दे प्यार दे 2’ एक परफेक्ट बिग-स्क्रीन एंटरटेनर है। यह मजेदार, भावुक और संवेदनशीलता से भरी फिल्म है। यह साबित करती है कि परिवार, प्यार और रिश्तों पर बनी फिल्में जब ईमानदारी और दिल से सुनाई जाएं, तो आज भी दर्शकों के दिलों को गहराई से छू सकती हैं।