नई दिल्ली, 15 नवंबर (आईएएनएस)। पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को अक्सर यूरिन डिस्चार्ज करते समय जलन की शिकायत होती है। शुरुआती चरणों में इस समस्या को घरेलू स्तर पर ठीक किया जा सकता है, लेकिन अगर ये समस्या बार-बार होती है तो ये डिस्यूरिया या यूरिन इंफेक्शन के लक्षण हो सकते हैं। इसके लिए डॉक्टर के पास जाकर चेकअप जरूर कराएं।
सर्दियों में कम पानी पीने की वजह से पुरुषों और महिलाओं में जलन की समस्या देखी जाती है। आयुर्वेद में इसे बढ़े हुए पित्त-दोष से जोड़कर देखा गया है। जब शरीर में वात और पित्त दोष बढ़ जाता है, तो पेशाब में जलन, मूत्रमार्ग में सूजन और इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है। कई बार आहार में परिवर्तन की वजह से भी ये लक्षण दिख सकते हैं, इसलिए तीखा और ज्यादा मसालेदार खाना खाने से बचें।
आयुर्वेद में इस परेशानी से बचने के लिए देसी उपाय बताए गए हैं, जिन्हें आप घर में कर सकते हैं। सर्दियों में भरपूर मात्रा में आंवला आता है। इसमें भरपूर विटामिन सी होता है, जो मूत्राशय में खराब बैक्टीरिया को बढ़ने नहीं देता है और संक्रमण का खतरा कम रहता है। इसके लिए सुबह खाली पेट आंवला खाना या उसका जूस पीना लाभकारी होगा।
गुड़हल के पत्तों का इस्तेमाल स्किन के अलावा शरीर के पित्त को शांत करने में भी किया जाता है। इसके लिए गुड़हल के फूल का शरबत बनाकर ले सकते हैं या गुड़हल के फूल की चाय भी पी सकते हैं। एक बात का विशेष ध्यान रखें कि टी और शरबत में चीनी का इस्तेमाल न करें।
छाछ पेट की जलन और मूत्राशय मार्ग में होने वाली जलन से छुटकारा दिला सकती है। छाछ में पेट को ठंडा रखने और संक्रमण से लड़ने के गुण होते हैं और ये पित्तहारक भी होती है। दिन में एक बार दोपहर के वक्त छाछ को काले नमक के साथ लें। सौंफ का पानी और जौ का पानी भी मूत्रमार्ग में होने वाली तकलीफों में राहत देते हैं। ये गंदे बैक्टीरिया का नाश करते हैं।
ये दोनों ही पानी पेट को ठंडक प्रदान करते हैं। इसके लिए सौंफ को पानी में उबालकर ठंडा कर लें और फिर दिन में दो बार पीएं। वहीं जौ का पानी बनाने के लिए 1 लीटर पानी में 2 चम्मच जौ उबाल लें और पूरा दिन थोड़ा-थोड़ा पीते रहें।
इसके अलावा, खीरे का सेवन और नारियल पानी पीने से भी राहत मिलेगी। ऐसे में गर्म चाय और कॉफी से परहेज करें, क्योंकि ये जलन को ज्यादा बढ़ा सकती है।

