कोलकाता, 15 नवंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य में आदिवासी समुदाय की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आदिवासियों की समस्याओं को लेकर अभी बहुत सुधार की जरूरत है। उन्होंने बताया कि आदिवासी इलाकों में सड़क, पीने का पानी, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी है और सबसे बड़ी समस्या यह है कि उनकी शिकायतों का समाधान समय पर और सही तरीके से नहीं किया जाता।
राज्यपाल आनंद बोस ने कहा, “मैं राज्यपाल बनने के बाद से आदिवासी गांवों का दौरा करता रहा हूं। वहां रहकर और उनके साथ बातचीत करके मैंने देखा कि वे बहुत सारी समस्याओं के साथ जीवन यापन कर रहे हैं, लेकिन इन समस्याओं पर संबंधित अधिकारियों द्वारा पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जाता।”
उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासियों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए योजनाओं और नीतियों को समयबद्ध तरीके से लागू करना अत्यंत आवश्यक है। उनका मानना है कि यदि प्रशासनिक तंत्र में सुधार और संवेदनशीलता लाई जाए तो आदिवासी समुदाय का जीवन स्तर बेहतर किया जा सकता है।
राज्य में चुनावी तैयारी और हालात पर भी राज्यपाल ने चिंता जताई। उन्होंने कहा, “मेरी दृष्टि में इस राज्य की दो बड़ी समस्याएं हैं। एक हिंसा और दूसरी भ्रष्टाचार। चुनाव से पहले निश्चित रूप से हिंसा को रोकना होगा और चुनाव प्रक्रिया से भ्रष्टाचार को समाप्त करना होगा।”
आनंद बोस ने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार और हिंसा की जड़ें तभी खत्म हो सकती हैं जब इन पर तुरंत और प्रभावी कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि बिना इन दोनों समस्याओं को जड़ से खत्म किए, राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि हिंसा और भ्रष्टाचार को नियंत्रण में लाया गया, तो पश्चिम बंगाल अपनी प्राचीन गौरवशाली स्थिति की ओर लौट सकता है। राज्यपाल ने अधिकारियों और सभी संबंधित संस्थाओं से आग्रह किया कि वे इन गंभीर मुद्दों पर ध्यान दें और समय पर कार्रवाई करें।
इस दौरान राज्यपाल ने जनता से भी अपील की कि वे अपनी समस्याओं और सुझावों को प्रशासन तक पहुंचाएं ताकि राज्य का प्रशासनिक तंत्र अधिक प्रभावी और जवाबदेह बन सके।

