मध्य प्रदेश: मोहन यादव सरकार ने किसानों को सोलर पंप की क्षमता बढ़ाने के विकल्प को दी मंजूरी

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भोपाल, 18 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना में सिंचाई के लिए सोलर पंप स्थापना की योजना में संशोधन की स्वीकृति प्रदान की गई है। अब किसान ज्यादा क्षमता के सोलर पंप का विकल्प चुन सकेंगे। राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई।

मंत्रिपरिषद द्वारा प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना में सिंचाई के लिए सोलर पंप स्थापना की योजना में संशोधन की स्वीकृति प्रदान की गई है। संशोधन के अनुसार, कृषकों को स्वीकृत सोलर पंप स्थापना क्षमता से एक क्षमता अधिक तक का विकल्प प्रदाय किया जाएगा। अब 3 एच.पी. के अस्थाई विद्युत कनेक्शनधारियों को 5 एच.पी. और 5 एच.पी. के अस्थाई विद्युत कनेक्शनधारियों को 7.5 एच.पी. का सोलर पंप प्रदाय करने का विकल्प दिया जाएगा।

योजना के प्रथम चरण में अस्थायी विद्युत कनेक्शन संयोजन वाले किसानों अथवा अविद्युतीकृत किसानों को सोलर पंप का लाभ दिया जाएगा। योजनानुसार7.5 एचपी क्षमता तक का सोलर पम्प पंप लगाने के लिए अस्थाई विद्युत कनेक्शन धारी कृषक का अंश 10 प्रतिशत रहेगा। शासन द्वारा 90 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी।

बता दें कि भारत सरकार की कुसुम-ब योजना को प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना नाम से 24 जनवरी 2025 से लागू किया गया है। इसका क्रियान्वयन राज्य में मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम द्वारा किया जा रहा है। इस निर्णय से सोलर पंप की स्थापना से विद्युत पंपों को विद्युत प्रदाय के लिए राज्य सरकार पर अनुदान के भार को सीमित किया जा सकेगा एवं विद्युत वितरण कम्पनियों की वितरण हानियों को कम किया जा सकेगा। मंत्रिपरिषद मिशन वात्सल्य योजना अंतर्गत गैर संस्थागत सेवा योजना यथा स्पॉन्सरशिप, फॉस्टर केयर, आफ्टर केयर को आगामी 5 वर्षों तक प्रदेश के समस्त जिलों में संचालित करने की स्वीकृति दी गई है।

योजना के तहत पात्र बच्चे को 4 हजार रुपए प्रति माह की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर बाल देखभाल संस्थान छोड़ने वाले बच्चों को आफ्टर केयर के माध्यम से रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण से जोड़कर आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाएगा। मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदेश के 12 जिलों भोपाल, इन्दौर, नरसिंहपुर, मण्डलेश्वर (खरगौन), बालाघाट, गुना, भिण्ड, सीहोर, अमरकंटक (अनूपपुर), पन्ना, श्योपुर एवं शुजालपुर (शाजापुर) में 50 बिस्तरीय आयुष चिकित्सलयों एवं बडवानी जिले में 30 बिस्तरीय चिकित्सालय के संचालन के लिए 373 पद एवं 806 मानव संसाधन सेवाएं ऑन कॉल की स्वीकृति प्रदान की गई है।

मंत्रिपरिषद द्वारा मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् के वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भर्ती एवं सेवा शर्तें नियम 2025 का अनुमोदन प्रदान किया गया। इसके अलावा मेडिको लीगल संस्थान के अधिकारियों को पुनरीक्षित वेतनमान (सातवां वेतनमान) का वास्तविक लाभ लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग के संवर्ग के समान 1 जनवरी 2016 से प्रदान करने की स्वीकृति दी गई है।