उलानबटोर, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। वर्ल्ड एड्स डे पर मंगोलिया के नेशनल सेंटर फॉर कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीसीडी) ने एक आंकड़ा जारी किया। बताया कि मंगोलिया में एचआईवी संक्रमितों और एड्स मरीजों की कुल संख्या 424 है।
एनसीसीडी (राष्ट्रीय संचारी रोग केंद्र) ने एक बयान में कहा कि 2025 के पहले 11 महीनों में कुल 36 नए एचआईवी केस दर्ज किए गए।
ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) संक्रमितों की उम्र ज्यादातर 20 से 44 साल के बीच की है। लगभग 99.7 प्रतिशत मामलों में संक्रमण असुरक्षित यौन संबंधों से हुआ।
सिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने बताया कि मंगोलिया में एचआईवी संक्रमण का पहला मामला 1992 में दर्ज किया गया था। तब से, 3.5 मिलियन की आबादी वाले देश में एड्स से 71 लोगों की मौत हो चुकी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, एचआईवी एक वायरस है जो शरीर की इम्यून सिस्टम पर सीधा हमला करता है। जब ये एडवांस्ड स्टेज पर पहुंच जाता है तो एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम) कहलाता है।
एचआईवी शरीर के श्वेत रक्त कोशिकाओं पर हमला करता है, जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। एक बार प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है तो टीबी या फिर कैंसर जैसी बीमारियां तेजी से जकड़ लेती हैं।
एचआईवी संक्रमित के बॉडी फ्लूइड्स (शरीर के तरल पदार्थ) के संपर्क में आने से फैलता है, जिसमें खून, मां का दूध, शुक्राणु और वजाइनल फ्लूइड्स शामिल हैं। यह संक्रमित को चूमने, गले लगने या उसके साथ खाना खाने से नहीं फैलता है।
एचआईवी को एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) से रोका और ठीक किया जा सकता है।
एचआईवी संक्रमण तेजी से फैलता है, लेकिन कई लोगों को बाद के स्टेज तक अपनी स्थिति के बारे में पता नहीं होता है। संक्रमित होने के बाद पहले कुछ हफ्तों में लोगों को लक्षण महसूस नहीं होते हैं। कइयों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी हो सकती है, जिसमें बुखार, सिरदर्द, शरीर पर दाने और गले में खराश शामिल हैं।




