‘लंबे अंधेरे के बाद उगते सूरज’, राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा के नए सभापति का खास अंदाज में किया स्वागत

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नई दिल्ली, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर कविता के जरिए नवनिर्वाचित राज्यसभा सभापति सीपी राधाकृष्णन का स्वागत किया।

शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन के नेता जगत प्रकाश नड्डा ने पारंपरिक धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया। धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए सांसद राघव चड्डा ने राधाकृष्णन के आगमन को ‘लंबे अंधेरे के बाद उगते सूरज, तूफान से घिरे जहाज का आखिरकार किनारे पर पहुंचना और बेरहम गर्मी के बाद बारिश की पहली बूंदों’ जैसा बताया।

चड्ढा ने कहा कि नए सभापति का पूरा नाम डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के नाम पर रखा गया है, जो भारत के पहले उपराष्ट्रपति और 1952 में राज्यसभा के पहले सभापति थे। उन्होंने कहा कि 73 साल बाद, नियति ने एक और राधाकृष्णन को उसी कुर्सी पर बिठाया है।

आप सांसद ने कहा कि तीखे राजनीतिक या वैचारिक मतभेद रखने वाले लोग भी नए सभापति राधाकृष्णन को अजातशत्रु कहते हैं, जिसका कोई दुश्मन नहीं है।

आप नेता ने विश्वास व्यक्त किया कि सभापति राधाकृष्णन अपने नाम के इस गौरवशाली व्यक्तित्व की समावेशी विरासत को आगे बढ़ाएंगे।

उन्होंने कहा कि यह सदन एक परिवार जैसा होना चाहिए, युद्धक्षेत्र जैसा नहीं। हमें उम्मीद है कि राज्यसभा में सबसे नए सदस्यों को आपके मार्गदर्शन में बोलने और आगे बढ़ने के अवसर मिलेंगे।

अपने समापन भाषण में उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपने पदों के कारण जाने जाते हैं, तो कुछ लोग अपने पदों को अमरता और प्रतिष्ठा प्रदान करते हैं। हमें विश्वास है कि आपका कार्यकाल दूसरी श्रेणी का होगा।

इस दौरान विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित कई वरिष्ठ सदस्य राघव चड्डा की बात से सहमत नजर आए और उन्हें सहमति जताते हुए देखा गया।

सभापति राधाकृष्णन ने सांसद राघव चड्ढा के हृदयस्पर्शी शब्दों के लिए धन्यवाद दिया और सदन का संचालन निष्पक्षता, गरिमा और स्नेह के साथ करने का वादा किया।