वीडी सतीशन ने थॉमस इसाक को भेजे ईडी नोटिस को बताया राजनीतिक स्टंट, मसाला बॉन्ड लेनदेन में भ्रष्टाचार का आरोप

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कोल्लम, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। केरल के विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने सोमवार को राज्य सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने केरल इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड बोर्ड (केआईआईएफबी) द्वारा मसाला बॉन्ड लेनदेन में गंभीर भ्रष्टाचार, संवैधानिक उल्लंघन और वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया।

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और पूर्व वित्त मंत्री थॉमस इसाक को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी नोटिस को वीडी सतीशन ने स्‍थानीय निकाय चुनावों से पहले सीपीआई-एम को डराने के लिए राजनीतिक रूप से उठाया गया कदम बताया।

उन्होंने कहा कि विपक्ष ने सरकार पर अंतरराष्ट्रीय बाजारों से 9.7 प्रतिशत की भारी ब्याज दर पर 2,150 करोड़ रुपए उधार लेने का आरोप लगाया था, जिसके परिणामस्‍वरूप सिर्फ पांच साल में कुल 3,195 करोड़ रुपए चुकाने पड़े। इससे 1,045 करोड़ रुपए का ब्याज का भार बढ़ गया।

उन्होंने कहा कि यह सामान्‍य नहीं है। लगभग आधा मूलधन ब्‍याज में चला गया। राज्य की संप्रभु गारंटी का उपयोग करने के बजाय, जिससे बमुश्किल 1.5 प्रतिशत ब्‍याज पर फंडिंग मिल सकती थी, सरकार ने अत्‍यधिक ब्‍याज दर का विकल्‍प चुना।

वीडी सतीशन ने आरोप लगाया कि इस डील ने संविधान के आर्टिकल 293(1) का उल्लंघन किया और इसमें एसएनसी-लवलिन से जुड़ी एक फर्म सीडीपीक्‍यू शामिल थी।

उन्होंने दावा किया कि लंदन स्टॉक एक्सचेंज की बहुत ज्‍यादा पॉपुलर ‘बेल-रिंगिंग सेरेमनी’ सिर्फ एक पीआर ड्रामा था। इस सेरेमनी में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को घंटी बजाने वाले पहले सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट किया गया था। उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं, बल्कि केआईआईएफबी चेयरमैन के तौर पर घंटी बजाई। ऐसी सेरेमनी किसी भी जारीकर्ता के लिए आम बात होती है। इस प्रचार हथकंडे के पीछे भ्रष्‍टाचार है।

विपक्ष के नेता ने ईडी नोटिस के समय की आलोचना करते हुए कहा कि त्रिशूर संसदीय चुनावों से पहले करुवन्नूर बैंक केस के दौरान भी इसी तरह की रणनीति अपनाई गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियां अन्‍य राज्यों के विपरीत ​​केरल में जांच को तार्किक अंत तक नहीं ले जातीं। वे सिर्फ डर पैदा करने के लिए नोटिस भेजती हैं।

सतीशन ने कहा कि थॉमस इसाक पर आरोप लगाया कि वह यह कहकर ज़िम्मेदारी से बच रहे हैं कि यह फैसला केआईआईएफबी का था।

उन्होंने कहा कि टैक्स और सेस से जमा किए गए सरकारी पैसे का इस्तेमाल ज्‍यादा ब्याज देने में किया गया। राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और कहा कि केरल के लोगों का बदलती बातों से मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।