लखनऊ, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। विकसित भारत 2047 के सपने को गति देने में उत्तर प्रदेश ने स्वास्थ्य क्षेत्र को अपना सबसे मजबूत हथियार बनाया है। 25,000 आयुष्मान आरोग्य मंदिर, 81 मेडिकल कॉलेज, तेज होती आपात सेवाएं और मातृ-शिशु स्वास्थ्य पर केंद्रित रणनीति ने प्रदेश को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मॉडल के रूप में उभरने की राह पर पहुंचा दिया है।
विकसित यूपी कॉन्क्लेव में विशेषज्ञों ने भी माना कि यह परिवर्तन सिर्फ सुधार नहीं, बल्कि स्वास्थ्य क्रांति है। विकसित यूपी कॉन्क्लेव में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को साकार करने में उत्तर प्रदेश निर्णायक भूमिका निभाएगा। चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा आयोजित इस कॉन्क्लेव में नीति आयोग, नियोजन विभाग, फिक्की और चैंबर ऑफ कॉमर्स के विशेषज्ञ शामिल हुए।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश ने स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और गुणवत्ता सुधार में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। प्रदेश में 25,000 से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर, 3500 से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 200 से अधिक विशिष्ट अस्पताल और 81 मेडिकल कॉलेज सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि 102/108 एंबुलेंस सेवाओं का रेस्पॉन्स टाइम कम किया गया है, जिससे आपातकालीन सेवाओं की गति और दक्षता दोनों बढ़ी हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार का विशेष फोकस मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने पर है। इसके लिए जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों को बड़ी राहत मिली है। उपमुख्यमंत्री पाठक ने कहा कि संकल्प है कि साल 2047 तक उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता को वही अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें जो आज सिर्फ महानगरों तक सीमित हैं। प्रदेश एडवांस मेडिकल सेवाओं का विस्तार जिला और तहसील स्तर तक कर रहा है, ताकि यूपी विकसित भारत के स्वास्थ्य मॉडल का नेतृत्व कर सके।
चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि विकसित उत्तर प्रदेश ही विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त करेगा। आर्थिक प्रगति का आधार स्वस्थ जनसंख्या है, और इसी दिशा में सरकार निरंतर प्रभावी कदम उठा रही है।




