नई दिल्ली, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। प्रधानमंत्री ने चक्रवात ‘दित्वाह’ के कारण श्रीलंका में हुई जान-माल की हानि और व्यापक तबाही पर हार्दिक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत के लोग इस कठिन समय में श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े हैं।
राष्ट्रपति दिसानायके ने आपदा के बाद भारत की सहायता के लिए अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की और बचाव दलों तथा राहत सामग्री की त्वरित तैनाती की सराहना की। उन्होंने समय पर और प्रभावी प्रतिक्रिया प्रयासों के लिए श्रीलंका की जनता की ओर से भी भारत का आभार व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति दिसानायके को संकटग्रस्त व्यक्तियों को बचाव और राहत प्रदान करने के लिए चल रहे ऑपरेशन सागर बंधु के तहत श्रीलंका को भारत के निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया।
उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत आने वाले दिनों में श्रीलंका द्वारा पुनर्वास प्रयासों, सार्वजनिक सेवाओं को फिर से शुरू करने और प्रभावित क्षेत्रों में आजीविका बहाल करने के प्रयासों के तहत सभी आवश्यक सहायता प्रदान करता रहेगा। दोनों नेताओं ने निकट संपर्क बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की।
श्रीलंका में चक्रवात दित्वाह से मची तबाही में अब तक कम से कम 334 लोगों की मौत हो चुकी है। कोलंबिया के स्थानीय मीडिया ने डिजास्टर मैनेजमेंट सेंटर (डीएमसी) के हवाले से बताया कि 370 लोगों की अब तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। इस बीच ऑपरेशन सागरबंधु के तहत भारतीय वायु सेना श्रीलंका के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में फंसे लोगों को रेस्क्यू कर रही है। भारतीय वायुसेना ने 40 श्रीलंकाई सैनिकों और 104 भारतीयों को रेस्क्यू किया।
इस तूफान से कैंडी शहर में सबसे ज्यादा तबाही मची है। कैंडी में अब तक 88 मौतें हुई हैं, जबकि 150 लोग लापता बताए गए हैं। बादुल्ला में 71, नुवारा एलिया में 68 और मटाले में 23 लोगों की मौत हुई है। डेली मिरर ने डीएमसी के हवाले से बताया कि इस आपदा से देशभर के 309,607 परिवारों के 1,118,929 लोग प्रभावित हुए हैं।




