एसआईआर के विरोध पर भाजपा नेताओं ने विपक्ष को मुद्दा विहीन बताया

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नई दिल्‍ली, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष लगातार एसआईआर के मुद्दे पर बहस को लेकर हंगामा कर रहा है। इसी क्रम में भाजपा नेताओं ने विपक्षी दलों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। वहीं, भाजपा नेता दिनेश शर्मा ने कहा कि विपक्ष बेवजह के मुद्दे उठाकर लोगों को गुमराह करना चाहता है। उत्तर प्रदेश के मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि विपक्ष लगातार समाज और देश का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहा है।

उत्तर प्रदेश के मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने एसआईआर मामले को लेकर विपक्ष पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि विपक्ष लगातार समाज और देश का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहा है, क्योंकि उन्हें यह समझ आ गया है कि जनता के दिलों में न तो उनके लिए हमदर्दी बची है और न ही कोई समर्थन।

अंसारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली ऐतिहासिक जीत विपक्ष के लिए करारा झटका था। यह जीत जनता का स्पष्ट जनादेश और पीएम मोदी के प्रति लोगों का अटूट विश्वास है। उन्होंने कहा कि यह विश्वास वर्षों के परिश्रम और जनता के लिए लगातार किए गए कार्यों का परिणाम है, इसलिए विपक्ष को एसआईआर को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश तुरंत बंद कर देनी चाहिए।

वहीं, भाजपा के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने भी विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष बेवजह के मुद्दे उठाकर लोगों को गुमराह करना चाहता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष का दावा है कि एसआईआर प्रक्रिया में हेरफेर संभव है या वोट चुराए जा सकते हैं, लेकिन यह दलील पूरी तरह गलत है। शर्मा ने कहा कि बिहार चुनाव में लगभग 71 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ और इसके बावजूद सिस्टम को लेकर कोई बड़ी शिकायत सामने नहीं आई। उनके अनुसार विपक्ष चुनावी हार की भरपाई के लिए बहाने ढूंढ रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष दिशाहीन हो चुका है और अब निराधार आरोपों का सहारा ले रहा है।

इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि चुनाव सुधारों पर चर्चा होना बेहद जरूरी है और इसमें एनडीए के सदस्य भी सक्रिय रूप से शामिल होते हैं, लेकिन विपक्ष जब सुधारों की बात करता है तो उसे ठोस उपायों की जानकारी देनी चाहिए। मांझी ने कहा कि विपक्ष की दलीलें सिर्फ एसआईआर तक सीमित हैं और वे किसी ठोस सुधार एजेंडे की बात नहीं करते। उन्‍होंने कहा कि एसआईआर देश की सुरक्षा और जनता के हित में आवश्यक है, क्योंकि इससे उन बाहरी तत्वों की पहचान संभव होती है जिन्होंने मतदाता सूची में नाम दर्ज करा लिया है और जो आतंकवादियों को पनाह दे सकते हैं। उन्होंने इस पहल के लिए चुनाव आयोग को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है।