बनफशा का फूल : सर्दी-खांसी या गले में खराश से देता है राहत, सेवन से मिलते हैं कमाल के फायदे

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नई दिल्ली, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। सर्दियों में ज्यादातर घरों में खांसी, गले की खराश और बुखार की शिकायत देखने को मिलती है। प्रकृति ने फल-फूल के रूप में कई ऐसी औषधियां दी है, जो स्वास्थ्य के लिए उत्तम होती हैं। ऐसी ही एक औषधि का नाम बनफशा का फूल है।

बैंगनी-नीले रंग के छोटे-छोटे बनफशा के फूल न सिर्फ देखने में सुंदर और खुशबूदार होते हैं, बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर होते हैं। आयुर्वेद में इसे प्रकृति का अनमोल उपहार कहा जाता है। यह सर्दी-खांसी समेत कई समस्याओं को दूर करने में सक्षम होते हैं।

भारत सरकार का आयुष मंत्रालय प्रकृति के छोटे से फूल बनफशा या स्वीट वॉयलेट के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए उसके औषधीय गुणों से अवगत कराता है।

बनफशा के फूल देखने में भले ही छोटे हों मगर बेहद गुणकारी होते हैं। इसमें फ्लेवोनॉयड्स, एल्कलॉइड्स, सैलिसिलिक एसिड और म्यूसिलेज जैसे तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यही कारण है कि आयुर्वेद में इसे सर्दी-जुकाम का सबसे विश्वसनीय और बेहतर इलाज माना जाता है।

बनफशा के फूलों के सेवन से कई फायदे मिलते हैं। यह गले की खराश और सूखी खांसी में तुरंत आराम देता है। बलगम (कफ) को पतला करके बाहर निकालने में मदद करता है। हल्के बुखार और सिरदर्द में भी राहत मिलती है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, इसके कारण गले की सूजन को कम करता है और एंटी-माइक्रोबियल होने से वायरस-बैक्टीरिया से लड़ने में कारगर है।

अनिद्रा, तनाव, चिड़चिड़ेपन की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए भी यह बेहद फायदेमंद माना जाता है। त्वचा के छोटे-मोटे घाव और जलन में लगाने से राहत मिलती है।

बनफशा की चाय (हर्बल टी) बनाकर पी सकते हैं, जिसका स्वाद बढ़िया होता है और पीने से एनर्जी आती है और दिन भर की थकान को उतारने में मददगार है।

बनफशा प्रकृति का उपहार है जो बिना किसी साइड इफेक्ट के सुरक्षित और असरदार है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह सबसे अच्छा घरेलू नुस्खा है। हालांकि, सेवन से पहले आयुर्वेदाचार्य से सलाह जरूर लेनी चाहिए।