मुंबई, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। बॉलीवुड के चमकते सितारों में शशि कपूर हमेशा खास रहे। उनकी सादगी, मुस्कान और फिल्मों में अदाकारी ने उन्हें दर्शकों का पसंदीदा बना दिया। साथ ही, वह अपने साथी कलाकारों के लिए भी प्रेरणादायक रहे। उन्होंने करियर के दौरान कई नए कलाकारों की आगे बढ़ने में मदद की। अमिताभ बच्चन के करियर में उनकी जोड़ी और मार्गदर्शन को लोग आज भी याद करते हैं।
शशि कपूर का जन्म 18 मार्च 1938 को कोलकाता में हुआ था। वे कपूर खानदान के सबसे छोटे बेटे थे। उनके पिता पृथ्वीराज कपूर, बड़े भाई राज कपूर और शम्मी कपूर पहले से ही फिल्मी दुनिया में जाने-माने नाम थे। बचपन से ही शशि का झुकाव अभिनय की तरफ था। उनके पिता चाहते थे कि वे संघर्ष करें और अपनी मेहनत से एक्टर बनें। इसी कारण शशि ने फिल्मों में कदम रखने से पहले थिएटर में काफी समय बिताया।
शशि कपूर ने एक्टिंग की शुरुआत सिर्फ चार साल की उम्र में अपने पिता के थिएटर के नाटकों से की। बाल कलाकार के रूप में उन्होंने ‘आग’ और ‘आवारा’ जैसी फिल्मों में छोटे-छोटे रोल निभाए। धीरे-धीरे उनका अभिनय अनुभव बढ़ता गया और 1961 में उन्होंने यश चोपड़ा की फिल्म ‘धर्मपुत्र’ से लीड रोल में कदम रखा। इस फिल्म को उस समय काफी सराहना मिली और शशि कपूर को फिल्मी दुनिया में स्थापित करने में मदद मिली।
उनका करियर मुख्य रूप से 1960 से 1980 तक शानदार रहा। शशि कपूर ने रोमांटिक और पारिवारिक फिल्मों में अपनी अलग पहचान बनाई। ‘जब-जब फूल खिले’, ‘सत्यम शिवम सुंदरम’, ‘प्यार का मौसम’ जैसी फिल्में आज भी दर्शकों की यादों में ताजा हैं। उनके अभिनय की खासियत यह थी कि वह हर किरदार में सहज और नेचुरल लगते थे।
शशि कपूर और अमिताभ बच्चन की दोस्ती और सहयोग बॉलीवुड की सबसे चर्चित जोड़ी बन गई। दोनों ने कई हिट फिल्मों में साथ काम किया, जैसे ‘दीवार’, ‘सिलसिला’, ‘नमक हलाल’, ‘कभी कभी’, ‘सुहाग’ और ‘त्रिशूल’। इन फिल्मों में शशि कपूर अमिताभ बच्चन के साथ सिर्फ सह-कलाकार ही नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक की तरह भी नजर आए।
उन्होंने अमिताभ बच्चन को फिल्मी दुनिया में सही दिशा देने में मदद की। खासकर ‘दीवार’ में शशि के किरदार और उनके डायलॉग आज भी लोगों के जुबां पर रटे हुए हैं, और इस फिल्म ने अमिताभ के करियर को नई ऊंचाई दी।
शशि कपूर ने सिर्फ अभिनय ही नहीं किया, बल्कि प्रोडक्शन और निर्देशन में भी हाथ आजमाया। उन्होंने अपना प्रोडक्शन हाउस बनाया और ‘जुनून’, ‘कलयुग’, ‘विजेता’, ‘उत्सव’ जैसी फिल्मों का निर्माण किया। हालांकि, कभी-कभी उन्हें आर्थिक नुकसान का सामना भी करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी और अपनी मेहनत जारी रखी।
शशि कपूर को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उन्हें 2011 में भारत सरकार ने पद्म भूषण से नवाजा। इसके अलावा, उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार और नेशनल अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया। उनके करियर और उपलब्धियों ने उन्हें बॉलीवुड के अमिट सितारों में शुमार कर दिया।
शशि कपूर का निधन 4 दिसंबर 2017 को हुआ। बेशक आज वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके अभिनय, उनकी मुस्कान, और अमिताभ बच्चन जैसे साथियों को मार्गदर्शन देने का उनका योगदान हमेशा याद किया जाता रहा है।

