भारत दुनिया के सबसे बड़े, सबसे विविध और समावेशी लोकतंत्रों में से एक: सीईसी ज्ञानेश कुमार

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नई दिल्ली, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने बुधवार को वर्ष 2026 के लिए अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र और चुनाव सहायता संस्थान (अंतर्राष्ट्रीय आईडीईए) के सदस्य राज्यों की परिषद की अध्यक्षता संभाली।

स्टॉकहोम में आयोजित एक समारोह में सीईसी ज्ञानेश कुमार का स्वागत स्वीडन में भारत के राजदूत अनुराग भूषण ने किया। बाद में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय आईडीईए के महासचिव डॉ. केविन कैसास-जमोरा के साथ चर्चा की।

चुनाव आयोग ने कहा कि यह अध्यक्षता संगठन के भारत में एक संस्थापक सदस्य के रूप में विश्वास को दर्शाती है, जिसने सदस्य देशों में लोकतांत्रिक सुधारों और संस्थागत सुदृढ़ीकरण में निरंतर योगदान दिया है।

इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ने भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया की व्यापकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश में 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों में फैले 90 करोड़ से ज्यादा मतदाता हैं।

उन्होंने 2024 के आम चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि 743 राजनीतिक दलों के 20,000 से ज्यादा उम्मीदवारों ने इसमें भाग लिया, जिनमें छह राष्ट्रीय और 67 राज्यस्तरीय दल शामिल थे।

चुनावों के संचालन में 2 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी शामिल थे, जिनमें दस लाख बूथ स्तरीय अधिकारी और पांच लाख मतदान कर्मचारी शामिल थे।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि 1947 में स्वतंत्रता के बाद से भारत में 18 संसदीय आम चुनाव और 400 से अधिक राज्य विधानसभाओं के चुनाव हुए हैं। सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा कि भारत न केवल दुनिया के सबसे बड़े, सबसे विविध और समावेशी आधुनिक लोकतंत्रों में से एक है, बल्कि हम भारत की सभ्यतागत विरासत में गहराई से निहित लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों को भी हम सभी के साथ साझा करना चाहते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय आईडीईए परिषद की अध्यक्षता के लिए भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि यह कार्यकाल निर्णायक, महत्वाकांक्षी और कार्य-उन्मुख होगा, जिसका व्यापक विषय होगा एक समावेशी, शांतिपूर्ण, लचीले और टिकाऊ विश्व के लिए लोकतंत्र।”

भारत दो स्तंभों—भविष्य के लिए लोकतंत्र की पुनर्कल्पना और टिकाऊ लोकतंत्र के लिए स्वतंत्र एवं पेशेवर चुनाव प्रबंधन निकाय पर ध्यान केंद्रित करेगा।