भारत के आरईआईटी सेक्टर ने पकड़ी रफ्तार, मार्केट कैप में हांगकांग को पछाड़ा

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    नई दिल्ली, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत का रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) सेक्टर अब तेजी से आगे बढ़ रहा है। सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के आरईआईटी की कुल संपत्ति का मूल्य लगभग 2.3 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इसी के साथ भारत ने हांगकांग के आरईआईटी बाजार को भी पीछे छोड़ दिया है।

    एनारॉक कैपिटल की रिपोर्ट के मुताबिक, 30 सितंबर 2025 तक भारत के आरईआईटी का मार्केट कैप करीब 1.66 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया, जो कि हांगकांग से ज्यादा है, जबकि भारत में अभी केवल 32 प्रतिशत योग्य संपत्तियां ही आरईआईटी के रूप में सूचीबद्ध हैं।

    पिछले 5 वर्षों में भारतीय आरईआईटी ने हर साल औसतन 8.9 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न दिया है। यह रिटर्न सिंगापुर, जापान और हांगकांग जैसे देशों से बेहतर रहा है, जबकि कई विकसित देशों में इस दौरान रिटर्न कम या नकारात्मक रहा।

    एनारॉक कैपिटल के सीईओ शोभित अग्रवाल ने कहा, “वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में आरईआईटी ने अच्छा प्रदर्शन किया और ब्याज दर बढ़ने और बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद मजबूत बने रहे। अब तक सूचीबद्ध चार आरईआईटी की कीमतें 25-61 प्रतिशत तक बढ़ चुकी हैं, जबकि हाल ही में लिस्टेड नॉलेज आरईआईटी ने पहले ही लगभग 12 प्रतिशत का लाभ प्राप्त कर लिया है।”

    रिपोर्ट के अनुसार, प्रति यूनिट मूल्य में वृद्धि और नियमित आय मिलने से निवेशकों को पिछले एक साल में 5.1 से 6 प्रतिशत तक की अच्छी कमाई हुई है। वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में भारत के पांच आरईआईटी ने मिलकर 2,331 करोड़ रुपए बांटे, जो पिछले साल से 70 प्रतिशत ज्यादा है।

    एनारॉक कैपिटल के इन्वेस्टमेंट बैंकिंग के एमडी विशाल सिंह ने कहा कि ज्यादा निवेशकों की भागीदारी और बड़े इंडेक्स में शामिल होने की उम्मीद के चलते यह सेक्टर जल्द ही 20 अरब डॉलर के मार्केट कैप को पार कर सकता है।

    नियम के अनुसार, आरईआईटी को अपनी कमाई का कम से कम 90 प्रतिशत हिस्सा निवेशकों को देना होता है, जिससे आम लोग और बड़े निवेशक आसानी से बड़े ऑफिस भवनों में निवेश कर पा रहे हैं।

    रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि आरईआईटी के ऑफिस लगभग 90 से 96 प्रतिशत तक भरे हुए हैं। वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में पूरे भारत में हुए कुल ऑफिस किराए में से 20 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा आरईआईटी का रहा, जिससे पता चलता है कि यह सेक्टर तेजी से मजबूत हो रहा है।