दिल्ली की हवा साफ करने के मिशन में किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं : पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा

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नई दिल्ली, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार राजधानी में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए बहु-स्तरीय रणनीति पर तेज़ी से काम कर रही है। बीते चार दिनों से लागू ग्रैप-4 के सख़्त प्रावधानों के सकारात्मक असर अब ज़मीन पर दिखने लगे हैं और हवा की गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया जा रहा है।

पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि “नो पीयूसी, नो फ्यूल” नियम लागू होने के बाद अब तक 2 लाख से ज्यादा वाहनों की पीयूसी जांच हुई है और सर्टिफिकेट्स दिए गए। साथ ही 10,000 वाहन मानकों पर खरे नहीं उतर सके। उन्होंने कहा कि यह इस बात का साफ संकेत है कि सख्त प्रवर्तन सही दिशा में असर दिखा रहा है।

माननीय मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि सभी पीयूसी केंद्रों को आधुनिक और उन्नत मशीनों से अपग्रेड किया जा रहा है, ताकि जांच में देरी न हो और नतीजे सही रहें। इसके साथ ही पीयूसी व्यवस्था को और भरोसेमंद बनाने के लिए थर्ड-पार्टी जांच प्रणाली लागू की जा रही है। परिवहन विभाग की तकनीकी टीमें लगातार मौके पर निगरानी कर रही हैं ताकि किसी तरह की गड़बड़ी न हो।

आज से दिल्ली भर में प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के खिलाफ अभियान और तेज कर दिया गया है। जो भी औद्योगिक इकाई वायु प्रदूषण के नियमों का उल्लंघन करती पाई जाएगी, उसे तुरंत सील किया जाएगा। 31 दिसंबर तक ओईसीएम सर्टिफिकेशन के लिए आवेदन न करने वाले उद्योगों पर भी सख्त कार्रवाई होगी।

एमसीडी और डीपीसीसी मिलकर शहर में चल रहे अवैध और अनधिकृत औद्योगिक यूनिट्स की पहचान कर रहे हैं। ऐसे सभी यूनिट्स बंद किए जाएंगे। मंत्री ने कहा, “दिल्ली सरकार 100 प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

श्री सिरसा ने बताया कि धूल नियंत्रण के लिए सड़कों पर दिन-रात सफाई और पानी का छिड़काव किया जा रहा है। साथ ही लैंडफिल साइट्स पर रोजाना करीब 35,000 मीट्रिक टन कचरे की वैज्ञानिक तरीके से बायो-माइनिंग की जा रही है, ताकि पुराने कचरे के पहाड़ खत्म हों और धूल से होने वाला प्रदूषण घटे।

माननीय मंत्री ने शहर के जलाशयों को पुनर्जीवित करने की दिशा में हो रही प्रगति की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि जो जलाशय वर्षों से खत्म या अतिक्रमण का शिकार हो चुके हैं, उनमें से कम से कम 50 प्रतिशत को आने वाले दिनों में उनके मूल स्वरूप में वापस लाया जाए। ये जलाशय धूल को कम करने और शहर के पर्यावरण को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं।”

वर्क-फ्रॉम-होम निर्देशों को लेकर मंत्री ने साफ कहा कि ग्रैप-4 के तहत 50 प्रतिशत वर्क-फ्रॉम-होम का पालन न करने वाली निजी कंपनियों पर कार्रवाई होगी। सुविधा जरूरी है, लेकिन लोगों की सेहत से समझौता नहीं किया जा सकता।

एएनपीआर कैमरों में तकनीकी खामियों की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए माननीय मंत्री ने कहा कि परिवहन विभाग इस मुद्दे को देख रहा है। उन्होंने पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन योजनाओं को उन्होंने संभाला, वहां भी लापरवाही रही। हमने सोचा था कि कम से कम ये कैमरे तो ठीक होंगे, लेकिन यहां भी शिकायतें सामने आ रही हैं।

सिरसा ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जो लोग दस साल तक दिल्ली पर राज कर गए और प्रदूषण, बदइंतजामी और भ्रष्टाचार छोड़ गए, वे अब सिर्फ़ पोलिटिकल टूरिस्ट जैसे फोटो खिंचवाने और कार्यक्रमों में दिखने के लिए आते हैं। उन्होंने कहा, “ऐसे लोगों को दिल्ली के पर्यावरण पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।”

अंत में पर्यावरण मंत्री ने दिल्ली के नागरिकों और अधिकारियों का सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और आगे भी साथ देने की अपील की। उन्होंने कहा, “सरकार पूरी दृढ़ता से आगे बढ़ रही है। मिलकर हम दिल्ली को और साफ, सुरक्षित और स्वस्थ बना सकते हैं।”