जयपुर, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। राजस्थान राज्य वित्त आयोग के चेयरमैन अरुण चतुर्वेदी ने उत्तराखंड सरकार के उस फैसले का स्वागत किया है, जिसमें स्कूलों में गीता पढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
जयपुर में आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि गीता को किसी एक धर्म का ग्रंथ नहीं मानना चाहिए। गीता की शिक्षाओं के जरिए, अगर हम जीने की कला और कृष्ण के पूरे संदेश को देखें, तो यह साफ हो जाता है कि इसका सार सार्वभौमिक है। यह सभी धर्मों में तालमेल, सबके साथ समन्वय और नैतिक मूल्यों पर जोर देती है। इसके श्लोकों को पढ़कर, नेकी, अच्छे विचार, सभी धर्मों का सम्मान और सांप्रदायिक सद्भाव के सबक सिखाए जा सकते हैं। इस तरीके में कोई आपत्ति नहीं है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को निशाने पर लेते हुए अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि कुछ मामलों में, एक व्यक्ति इस तरह से नेतृत्व करता है कि उसका ध्यान सिर्फ़ खुद और अपने परिवार पर होता है, और वह सिर्फ अपने निजी फायदे के लिए काम करता है। मेरा मानना है कि पश्चिम बंगाल में भी ऐसी ही स्थिति बन गई है, जिसके कारण कुछ लोग अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी यह सुनिश्चित करने के लिए काम करती है कि सभी समुदायों और धर्मों को शासन और नीति लागू करने में शामिल किया जाए। दूसरी ओर, ममता बनर्जी ने पिछले कुछ दशकों में जो राजनीति की है, उसके आधार पर उन्होंने सत्ता में बने रहने के लिए तुष्टीकरण और वोट-बैंक की राजनीति पर भरोसा किया है। इस तरीके की वजह से उनकी आलोचना हुई है, जिसमें ये आरोप भी शामिल हैं कि उनके प्रशासन में अल्पसंख्यकों का शोषण किया जा रहा है और उन पर अत्याचार किए जा रहे हैं।
बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति पर कहा कि हमने बार-बार कहा है कि किसी भी इलाके में जहां कोई समुदाय आबादी का 70-85-80 फीसदी होता है, वहां हिंदुओं के लिए रहना मुश्किल हो जाता है। पहले पाकिस्तान में ऐसी स्थिति बनी थी। आज बांग्लादेश की स्थिति दिखाती है कि वहां ज़्यादातर कट्टरपंथी मुसलमान रहते हैं। वहां सरकार द्वारा हिंदुओं पर किए गए अत्याचार इस क्षेत्र में कट्टरवाद को बढ़ावा देते हैं।
अरावली मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं के बयानों पर पलटवार करते हुए अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि बिल्कुल सही बात है कि कांग्रेस पार्टी अरावली के मुद्दे पर राजनीति कर रही है। इस विषय का मुद्दा बनाकर भ्रम फैलाना चाहते हैं, एक प्रतिशत को छोड़ दिया जाए तो 99 फीसदी में माइनिंग नहीं हो सकती है।

