हड्डियों से लेकर पाचन तक, इस फली में हर समस्या का हल

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नई दिल्ली, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। बबूल की फली आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में एक अद्भुत औषधी मानी जाती है। इसे सिर्फ एक फल नहीं, बल्कि शरीर की कई परेशानियों का प्राकृतिक इलाज माना जाता है। इसे सही तरीके से इस्तेमाल करने से आप शरीर की कई छोटी-बड़ी समस्याओं में आसानी से राहत पा सकते हैं।

बबूल की फली में कैल्शियम और कई औषधीय गुण होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने में मदद करते हैं। यह गठिया या अर्थराइटिस के दर्द और सूजन को कम करने में भी लाभकारी है। इसके अलावा, बबूल की फली पाचनतंत्र को सुधारती है, बवासीर में राहत देती है, कमजोरी दूर करती है और शुगर को नियंत्रित रखने में सहायक है।

बबूल के फल का उपयोग मुंह के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में किया जा सकता है, क्योंकि इसके एंटीबैक्टीरियल गुण बैक्टीरिया को रोकते हैं और दांत व मसूड़ों को मजबूत बनाते हैं। माउथ कैंसर के मामलों में भी बबूल की फली का प्रयोग किया जाता है।

बबूल की फली पाचन तंत्र के लिए भी बेहतरीन है। इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो कब्ज, दस्त और पेट दर्द जैसी समस्याओं में राहत देती है। मधुमेह रोगियों के लिए भी यह लाभकारी है, क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है। इसके अलावा, त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे कि एक्जिमा, मुंहासे और घावों के इलाज में भी बबूल की फली उपयोगी है। यह एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुणों से त्वचा को स्वस्थ बनाती है।

बबूल की फली प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में भी सहायक है। इसमें विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को संक्रमणों से बचाते हैं। महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए भी यह उपयोगी है और मासिक धर्म संबंधी समस्याओं या श्वेत प्रदर जैसी परेशानियों में राहत देती है। बबूल की फली को सुखाकर पाउडर के रूप में सेवन किया जा सकता है या ताजा फल का काढ़ा बनाया जा सकता है।