जयपुर, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने अरावली को लेकर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव पर आरोप लगाया है कि वह लोगों को गुमराह कर रहे हैं। एक वीडियो जारी कर अशोक गहलोत ने कहा कि भूपेंद्र यादव जनता को गुमराह कर रहे हैं कि अरावली की खदान से महज 0.19 प्रतिशत क्षेत्र ही प्रभावित होगा। इस पर कौन विश्वास करेगा?
उन्होंने भूपेंद्र यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि आपने सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी को 21 साल बाद साल 2023 में खत्म कर दिया। यह कमेटी ताकतवर थी। पूरे देश के लोग इस पर भरोसा करते थे और यह सीधे सरकार को रिपोर्ट करती थी। अब आपने एक नई कमेटी बनाई है, जिसमें चुनाव भी आप ही करते हैं और रिपोर्ट भी आप ही लेते हैं।
उन्होंने कहा कि इसी वजह से आप और आपके मंत्रालय से विश्वास डगमगा गया, क्योंकि पहले ऐसी एक कमेटी थी जो किसी की नहीं सुनती थी। उसके आधार पर कर्नाटक के मंत्री को जेल जाना पड़ा था।
अशोक गहलोत ने कहा कि एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीएमओ में भी सरिस्का को लेकर एक शिकायत की गई थी। 24-25 जून को राजस्थान वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने एक रिपोर्ट बनाई और नेशनल टाइगर प्रोजेक्ट की कमेटी ने इसे पास कर दिया। नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने भी इस पर मुहर लगाकर सुप्रीम कोर्ट में पेश किया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आपके मंत्रालय पर 6 अगस्त को जिस तरह की टिप्पणी की थी, आपको सोचना चाहिए कि तब आपको फटकार क्यों लगाई गई थी। उस प्रोजेक्ट को रोक दिया गया। इससे आपके ऊपर लगने वाले भ्रष्टाचार के आरोप और पुख्ता हो गए।
अशोक गहलोत ने कहा कि मैं तीन बार राजस्थान का मुख्यमंत्री रहा हूं। मुझे पता है कि पर्यावरण और जंगल के मामलों में दिन, महीने नहीं, सालभर का भी समय लग जाता है क्योंकि पर्यावरण से जुड़ा कानून बहुत कड़ा है और आपने तीन दिन में पूरी फाइल चलाकर सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश कर दी।
उन्होंने यह भी कहा कि जनता इन बातों को समझती है। कृपया करके आप भ्रम फैलाना बंद कर दीजिए। आप और आपके मित्र राजेंद्र राठोर छह-छह पेज का प्रेस नोट जारी कर रहे हैं। अगर तथ्य होते तो एक पेज भी स्पष्टीकरण के लिए पर्याप्त होता। इसका मतलब है कि आप परेशान हैं, जनता आपको माफ नहीं करेगी।

