पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव की पुण्यतिथि पर खड़गे समेत कांग्रेस नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और आर्थिक सुधारों के जनक पी.वी. नरसिम्हा राव की 21वीं पुण्यतिथि पर कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेताओं ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। राव का निधन 23 दिसंबर 2004 को हुआ था। वे 1991 से 1996 तक प्रधानमंत्री रहे और उनके कार्यकाल में भारत ने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की नीति अपनाकर आर्थिक संकट से उबरने का रास्ता अपनाया।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव को हमारी श्रद्धांजलि। उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक सुधारों का एक परिवर्तनकारी दौर शुरू किया, जिसने विकास की नींव रखी और पीढ़ियों तक मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं को आकार देने में मदद की। उनके कार्यकाल में भारत के परमाणु कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान और विदेश नीति में ऐतिहासिक उपलब्धियां भी देखी गईं, जिसमें ‘लुक ईस्ट’ नीति की शुरुआत भी शामिल है। भारत की समृद्धि और विकास को मजबूत करने में उनकी स्थायी भूमिका को हमेशा याद रखा जाएगा।”

कांग्रेस पार्टी ने भी अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट में लिखा गया, “हम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव को याद करते हैं। एक दूरदर्शी राजनेता के तौर पर, उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक सुधारों और राजनीतिक चुनौतियों का सामना किया। उनकी बुद्धिमत्ता और लोकतंत्र के प्रति उनकी प्रतिबद्धता आज भी कई पीढ़ियों को प्रेरित करती है।”

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने भी राव को याद किया। उन्होंने लिखा, “पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न से सम्मानित पी. वी. नरसिम्हा राव ने बहुत ज्यादा अनिश्चितता के दौर में भारत की आर्थिक दिशा बदल दी थी। 1990 के दशक की शुरुआत में उनके फैसलों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को नया रूप दिया, देश को अंदरूनी तौर पर स्थिर किया और भारत को आत्मविश्वास के साथ वैश्विक मंच पर फिर से स्थापित किया। उनकी पुण्यतिथि पर, उस विद्वान राजनेता को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि, जो शांत संकल्प और साहसिक कार्रवाई में विश्वास रखते थे।”

पी.वी. नरसिम्हा राव दक्षिण भारत से पहले प्रधानमंत्री थे और हिंदी भाषी क्षेत्र से बाहर के दूसरे नेता थे जो इस पद पर पहुंचे। उनके नेतृत्व में वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 के बजट में ऐतिहासिक सुधार पेश किए, जिसने भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था से जोड़ा। राव को मरणोपरांत 2024 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। वे बहुभाषी विद्वान थे और कई भाषाओं में पारंगत थे। उनकी ‘लुक ईस्ट’ नीति ने पूर्वी एशिया के साथ भारत के संबंधों को मजबूत किया।