नई दिल्ली, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के साथ मिलकर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से वांटेड भगोड़े रितिक बजाज को सफलतापूर्वक भारत वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह कार्रवाई मंगलवार को पूरी हुई।
सीबीआई के मुताबिक, रितिक बजाज दिल्ली पुलिस द्वारा नशीले पदार्थों की तस्करी और सप्लाई से जुड़े गंभीर अपराधों के लिए वांटेड था। आरोपी भारत से फरार हो गया था। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) नई दिल्ली की मेहनत से उसे यूएई में ट्रेस किया गया।
इसके लिए सीबीआई ने 9 अक्टूबर 2025 को इंटरपोल के माध्यम से रितिक बजाज के खिलाफ रेड नोटिस जारी करवाया। सीबीआई ने एनसीबी बैंकॉक के साथ तालमेल बिठाकर आरोपी की यूएई यात्रा की जानकारी प्राप्त की। इसके बाद एनसीबी अबू धाबी के साथ कोऑर्डिनेशन करके आरोपी का पता लगाया गया।
सीबीआई के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की एक विशेष टीम आरोपी को लाने के लिए यूएई गई और आज 23 दिसंबर को रितिक बजाज को साथ लेकर नई दिल्ली पहुंची।
इंटरपोल द्वारा जारी रेड नोटिस दुनिया भर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भगोड़े अपराधियों को ट्रैक करने और पकड़ने में मदद करते हैं। भारत में सीबीआई इंटरपोल के लिए नेशनल सेंट्रल ब्यूरो का काम करती है और भारत पॉल प्लेटफॉर्म के जरिए सभी भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ इंटरपोल चैनलों से सहायता का तालमेल बिठाती है।
पिछले कुछ वर्षों में इंटरपोल चैनलों के माध्यम से ऐसे कोऑर्डिनेशन से 150 से अधिक वांटेड अपराधियों को भारत वापस लाया जा चुका है।
सीबीआई के मुताबिक, यह सफलता अंतरराष्ट्रीय सहयोग की मजबूती को दर्शाती है और अपराधियों के लिए कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं होने का संदेश देती है। इस कार्रवाई से नशीले पदार्थों की तस्करी जैसे संगठित अपराधों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।

