झारखंड : हेमंत सोरेन कैबिनेट ने शिक्षा, महिला-बाल कल्याण से जुड़े 39 प्रस्तावों को दी मंजूरी

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रांची, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित राज्य कैबिनेट की बैठक में शिक्षा, सड़क, पंचायत व्यवस्था, महिला-बाल कल्याण, नियुक्ति-सेवा, वन-पर्यावरण और विकास से जुड़े कुल 39 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची में शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पदों के पुनर्गठन को स्वीकृति दी। दुमका जिले में चमराबहियार से बरदानीनाथ मंदिर तक सड़क और बमनडीहा लिंक रोड के चौड़ीकरण व पुनर्निर्माण के लिए करीब 31.87 करोड़ रुपए की प्रशासनिक मंजूरी दी गई, जबकि जमशेदपुर के बहरागोड़ा-दरिशोल चौक मार्ग के पुनर्निर्माण के लिए भी 41.24 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए।

कैबिनेट के एक महत्वपूर्ण निर्णय के अनुसार, झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ली जाने वाली मैट्रिक और इंटरमीडिएट स्तरीय परीक्षा दो चरणों में होगी। पहले एक चरण में परीक्षा ली जाती थी। वहीं, 50 हजार से कम आवेदन रहने पर पीटी की परीक्षा नहीं होगी।

राज्यस्तरीय आकांक्षा कार्यक्रम के तहत शिक्षकों और समन्वयकों के मानदेय में वृद्धि की स्वीकृति दी गई। साथ ही 21 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में छात्रावास निर्माण के लिए करीब 51.16 करोड़ रुपए की प्रशासनिक मंजूरी दी गई। महिला एवं बाल विकास से जुड़ी योजनाओं के तहत सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना में ‘टेक होम राशन’ की नीति जारी रखते हुए वर्तमान आपूर्तिकर्ता के अनुबंध की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया गया।

मिशन वात्सल्य के अंतर्गत बाल कल्याण एवं संरक्षण समितियों के संचालन के लिए नई गाइडलाइन को भी स्वीकृति दी गई। कैबिनेट ने झारखंड उच्च न्यायालय के विभिन्न आदेशों के अनुपालन में कई सेवानिवृत्त और कार्यरत कर्मचारियों की सेवा नियमित करने और उन्हें वित्तीय लाभ देने का फैसला किया। इसके अलावा, झारखंड अग्निशमन सेवा के अराजपत्रित कर्मियों के वेतनमान में संशोधन को भी मंजूरी दी गई।

कैबिनेट ने ड्यूटी से लंबे समय से अनुपस्थित दो चिकित्सकों को सेवा से बर्खास्त करने का निर्णय लिया। परिवहन विभाग में मोटरयान निरीक्षक के 21 नए पदों के सृजन को भी मंजूरी दी गई।

बैठक में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की विभिन्न परीक्षाओं से जुड़ी नियमावलियों में आवश्यक संशोधन को स्वीकृति दी गई। साथ ही विदेशी छात्रवृत्ति योजना के तहत ब्रिटिश हाई कमीशन के साथ हुए एमओयू की अवधि बढ़ाने का फैसला भी लिया गया।