चेन्नई, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नैनार नागेन्द्रन ने चक्रवात दितवाह से प्रभावित किसानों को तत्काल 30,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने सत्तारूढ़ डीएमके सरकार पर डेल्टा क्षेत्र के संकटग्रस्त किसानों के प्रति उदासीनता बरतने और राहत कार्यों में हफ्तों की देरी करने का आरोप लगाया।
बुधवार को जारी एक बयान में नैनार नागेन्द्रन ने कहा कि चक्रवात के कारण हुई भारी बारिश और तेज हवाओं से कई जिलों में किसानों की फसलें बुरी तरह नष्ट हो गईं, लेकिन अब तक राज्य सरकार की ओर से किसी भी तरह का मुआवजा नहीं दिया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राहत की घोषणा में लगातार हो रही देरी के कारण किसान गंभीर आर्थिक संकट में फंसते जा रहे हैं, जिससे सरकार की किसान विरोधी मानसिकता उजागर होती है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बड़ी मात्रा में कटाई की जा चुकी धान की फसल असमय बारिश के कारण खराब हो गई। उन्होंने सरकारी धान भंडारण केंद्रों में बुनियादी ढांचे की कमी और समय पर खरीद न होने को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।
नैनार के अनुसार, कई टन धान खुले में पड़े रहने से अंकुरित हो गया, जिससे वह पूरी तरह बेकार हो गया और किसानों की महीनों की मेहनत पर पानी फिर गया।
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रभावित किसानों से सीधे संवाद करने के बजाय केवल पैकेट में लाई गई फसल के नमूनों की समीक्षा तक खुद को सीमित रखा। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रतीकात्मक कदम जमीनी हकीकत को नहीं दर्शाते और न ही किसानों की पीड़ा को कम करते हैं।
नैनार नागेन्द्रन ने यह भी कहा कि चक्रवात के तुरंत बाद सरकारी निरीक्षण तो किए गए, लेकिन नुकसान की गंभीरता के अनुरूप कोई मुआवजा पैकेज अब तक घोषित नहीं किया गया।
उन्होंने कहा, “समीक्षा करना और फिर राहत देने में टालमटोल करना अन्यायपूर्ण और अस्वीकार्य है।”
तिरुनेलवेली के विधायक नैनार ने मुख्यमंत्री के सार्वजनिक बयानों पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि केवल नारे और दावे किसानों की तकलीफ दूर नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा, “खुद को बार-बार ‘डेल्टाकरण’ बताने के बजाय मुख्यमंत्री को 30,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजे की घोषणा कर और तुरंत राहत राशि जारी कर इसे साबित करना चाहिए।”
भाजपा की मांग दोहराते हुए उन्होंने राज्य सरकार से अपील की कि वह तत्काल वित्तीय सहायता दे, धान की खरीद प्रक्रिया में तेजी लाए और चक्रवात ‘दितवाह’ से प्रभावित किसानों का भरोसा बहाल करे।

