उज्जैन, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में गुरुवार सुबह से ही भक्तों का भारी जनसैलाब देखने को मिला। गुरुवार की तड़के सुबह ही लोग बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए उमड़ पड़े। सुबह चार बजे मंदिर के पट खुलते ही पंडे और पुजारी गर्भगृह में पहुंचे और बाबा महाकाल का जलाभिषेक शुरू किया। पानी, दूध, दही, घी और पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया गया। इस दौरान पूरा माहौल भक्तिमय हो गया।
आज बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार भी किया गया। उनके मस्तक पर सुंदर त्रिपुंड और नवीन मुकुट धारण कराया गया। भांग, सूखे मेवे और अन्य शुभ सामग्री से श्रृंगार किया गया, जिससे पूरा मंदिर और भक्त दोनों ही मंत्रमुग्ध हो गए। लोगों ने महादेव को नमन किया और मन ही मन अपनी मनोकामनाएं मांगीं। महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भस्म अर्पित किए जाने के बाद पूरा मंदिर परिसर ‘जय श्री महाकाल’ के उद्घोष से गूंज उठा।
भस्म आरती का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस आरती के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं। आज देश-विदेश से आए भक्तों ने इसका लाभ उठाया और बाबा महाकाल के दर्शन कर अपनी श्रद्धा व्यक्त की। यहां आए बच्चे, बुजुर्ग, पुरुष और महिलाएं सबके चेहरे पर श्रद्धा और आनंद साफ नजर आ रहा था।
पूरे मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ थी, लेकिन व्यवस्थित व्यवस्था के कारण सभी को दर्शन का मौका मिल रहा था। मंदिर की पवित्रता और माहौल ने हर किसी को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। लोगों ने मंत्रोच्चारण किया, हाथ जोड़े और अपने जीवन में सुख-शांति की कामना की।
गौरतलब है कि श्री महाकालेश्वर मंदिर में नववर्ष के मौके पर भस्म आरती की व्यवस्था में बदलाव किया गया है। 25 दिसंबर से भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग अगले 10 दिनों के लिए बंद रहेगी। इस दौरान श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए अब या तो ऑफलाइन परमिशन लेनी होगी या फिर चलित भस्म आरती का ही लाभ उठाना होगा। मंदिर प्रशासन ने ये कदम ज्यादा लोगों की भीड़ और सुरक्षित दर्शन के लिए उठाया है।

