महंगे सप्लीमेंट्स को कहें अलविदा, मल्टीविटामिन और मिनरल्स का पावरहाउस है ये छोटा सा दाना

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नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। आज के समय में कई लोग अच्छी सेहत के लिए अलग-अलग मल्टीविटामिन और मिनरल्स की गोलियों पर हजारों रुपये खर्च कर रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारी रसोई में मौजूद एक ऐसी चीज है जो मल्टीविटामिन और मिनरल्स का पावरहाउस है।

हम बात कर रहे हैं तिल की। आयुर्वेद इसे ‘महा-औषधि’ कहता है और आधुनिक विज्ञान में इसे ‘न्यूट्रिएंट डेंस सुपरफूड’ कहा गया है। तिल में मौजूद पोषक तत्व शरीर के लिए बायो-अवेलेबल होते हैं। इस वजह से आपका शरीर इन्हें आसानी से और तुरंत सोख लेता है। उदाहरण के लिए, 100 ग्राम सफेद तिल में लगभग 975 एमजी कैल्शियम होता है, जो कि एक गिलास दूध से कहीं ज्यादा है। हड्डियों और जोड़ों के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी है और तिल इसे प्राकृतिक तरीके से पूरा करता है।

इसके अलावा, इसमें आयरन और कॉपर भी प्रचुर मात्रा में होते हैं, जिससे खून बनाने और एनीमिया दूर करने में किसी भी आयरन टॉनिक से ज्यादा फायदा मिलता है।

जिम जाने वाले या मसल्स बनाने वाले युवाओं के लिए तिल प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत है। इसके अलावा, इसमें मैग्नीशियम, फास्फोरस, जिंक और मैंगनीज भी भरपूर मात्रा में मौजूद हैं। ये सभी मिनरल्स हमारी दैनिक जरूरतों का अच्छा खासा हिस्सा पूरा करते हैं। तिल में सेसामिन और सेसामोलिन जैसे तत्व भी होते हैं, जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं, दिल और लिवर की सुरक्षा करते हैं और ब्लड प्रेशर को नेचुरल तरीके से कंट्रोल में रखते हैं।

काले तिल को आयुर्वेद में सफेद तिल से भी ज्यादा गुणकारी माना गया है। यह नसों की कमजोरी दूर करता है, बालों को उम्र से पहले सफेद होने से रोकता है और मानसिक रूप से खुशी और ताजगी बनाए रखता है। तिल के तेल में नेचुरल एसपीएफ होता है, जिससे सूरज की किरणों से त्वचा सुरक्षित रहती है। सुबह खाली पेट तिल चबाने से दांत और मसूड़े मजबूत रहते हैं और उम्र बढ़ने के बाद भी दांत स्थिर रहते हैं।

तिल का फायदा उठाने का आसान तरीका यह है कि इसे हल्का भूनकर खाया जाए। कच्चे तिल में कुछ फाइटेट्स होते हैं, जो पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डालते हैं, लेकिन भूनने के बाद हर मिनरल शरीर में आसानी से घुल जाता है। आप तिल को सलाद, लड्डू, खिचड़ी या सीधे चबाकर खा सकते हैं।