थाईलैंड-कंबोडिया सीमा वार्ता दूसरे दिन भी जारी, हालात में सुधार

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बैंकॉक/नोम पेन्ह, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद पर चल रही सैन्य वार्ता गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी रही। थाई सेना ने घोषणा की कि सीमा पर कुल झड़पों की तीव्रता में सामान्य रूप से कमी आई है, हालांकि कुछ स्थानीय क्षेत्रों में गोलीबारी जारी है।

थाई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह वार्ता थाईलैंड के चांथाबुरी प्रांत में बॉर्डर चेकपॉइंट पर बैठक आयोजित की गई। यहां दोनों देशों के रक्षा प्रतिनिधिमंडल ने कंबोडिया-थाईलैंड जनरल बॉर्डर कमिटी (जीबीसी) के तहत सुबह 9 बजे बैठक बुलाई। वार्ता चार दिनों तक चलने की उम्मीद है, जिसमें आसियान पर्यवेक्षक टीम (मलेशिया से) भी मौजूद है।

शिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मीटिंग में लगभग 30 कंबोडियन प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है।

गुरुवार को हुई एक प्रेस ब्रीफिंग में, थाई सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस दौरान दोनों देशों के बीच सीमा पर हालात कुछ हद तक सुधरे हैं, झड़प कम हुई है और गोलीबारी सिर्फ कुछ खास इलाकों तक ही सीमित रही है।

वहीं, थाईलैंड की सेकंड आर्मी एरिया कमांड ने गुरुवार को बताया कि ता क्वाई मंदिर इलाके में बारूदी सुरंग हटाने के अभियान में लगे दो थाई सैनिक लैंडमाइन ब्लास्ट से घायल हो गए।

इस बीच, कंबोडियाई रक्षा मंत्रालय की एक प्रेस रिलीज के अनुसार, गुरुवार को संघर्ष के दौरान एक और कंबोडियाई नागरिक मारा गया, जिससे कंबोडिया में नागरिकों की मौत का आंकड़ा 31 तक पहुंच गया है।

थाई रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सुरासंत कोंगसिरी ने बुधवार को कहा कि सचिवालय की बैठक बुधवार से शुक्रवार तक होगी, और अगर ये शुरुआती बातचीत बिना किसी रुकावट के होती है, तो शनिवार को दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच एक बैठक होगी।

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच संघर्ष की नई लहर तीसरे हफ्ते में प्रवेश कर गई है। 800 किलोमीटर से ज्यादा लंबी सीमा पर, लगभग रोजाना सैन्य झड़प हो रही थी, जिससे कई जगहों पर खींचतान की स्थिति बन गई थी और थाईलैंड के सात सीमावर्ती प्रांत प्रभावित हुए थे। 8,00,000 से ज्यादा निवासियों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया तो वहीं दर्जनों सैनिकों और नागरिकों की मौत हो गई।

फिलहाल, यह संघर्ष सैन्य कार्रवाई से आगे बढ़कर सरकारी स्तर पर सूचना और कूटनीतिक दांव-पेच की बहुआयामी प्रतिद्वंद्विता में बदल गया है, और संघर्ष विराम प्रक्रिया विभिन्न कारणों से बाधित हो रही है।