खड़गे से मुलाकात के बाद शिवकुमार बोले, ‘कांग्रेस के लिए हर तरह का काम किया’

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बेंगलुरु, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक कांग्रेस में चल रहे नेतृत्व संकट के बीच उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने गुरुवार को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से उनके आवास पर मुलाकात की। बैठक के बाद शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने कभी सिर्फ मंच से भाषण देकर घर लौटने तक खुद को सीमित नहीं रखा, बल्कि पार्टी के लिए हर तरह का काम किया है।

शिवकुमार ने मीडिया से कहा, “मैं कभी केवल मंच पर आकर भाषण देकर नहीं गया। मैंने कांग्रेस पार्टी के लिए हर काम किया है।”

दिल्ली में दिए अपने उस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, जिसमें उन्होंने कहा था कि वे किसी पद पर रहने के बजाय पार्टी कार्यकर्ता बने रहना पसंद करेंगे, शिवकुमार ने कहा, “हम चाहे किसी भी पद पर हों, सबसे पहले पार्टी कार्यकर्ता हैं। मैंने पार्टी के झंडे एक कार्यकर्ता के रूप में भी लगाए हैं और पार्टी अध्यक्ष रहते हुए भी। मैंने पोस्टर चिपकाए हैं, सफाई की है और कांग्रेस के लिए जरूरी हर काम किया है।”

उन्होंने दोहराया कि उन्होंने खुद को केवल भाषण देने तक सीमित नहीं रखा, बल्कि संगठन में हर स्तर पर काम किया है। उनके ये बयान पार्टी के भीतर जारी नेतृत्व खींचतान को लेकर नई बहस को जन्म दे सकते हैं।

जब उनसे पूछा गया कि पार्टी से उन्हें उनके काम के बदले क्या मिल रहा है, तो शिवकुमार नाराज़ नजर आए। उन्होंने मीडिया को चेतावनी देते हुए कहा, “आप वही रिपोर्ट करें जो मैं कहता हूं। मैं आपके हर सवाल का जवाब देने के लिए बाध्य नहीं हूं।”

एआईसीसी अध्यक्ष खड़गे के उस बयान पर कि आंतरिक पार्टी मामलों को राज्य स्तर पर ही सुलझाया जाना चाहिए, शिवकुमार ने कहा कि वरिष्ठ नेता संगठन का मार्गदर्शन करते रहेंगे।

उन्होंने कहा, “दिल्ली जाने की मेरी कोई योजना नहीं है। अगर पार्टी बुलाएगी, तभी जाऊंगा। अगर पार्टी का काम होगा तो मैं जाऊंगा। संभव है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के लिए बुलाया गया हो। उपमुख्यमंत्रियों को नहीं बुलाया गया है। हमें विस्तारित समिति की बैठक के लिए आमंत्रित किया जाएगा। अगर पार्टी मुझे दिल्ली बुलाएगी, तो मैं मना नहीं कर सकता।”

खड़गे के साथ हुई मुलाकात को लेकर शिवकुमार ने स्पष्ट किया कि इसमें किसी भी तरह की राजनीति पर चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा, “ऐसी कोई आवश्यकता नहीं थी। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और मैंने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि हम हाईकमान के निर्देशों के अनुसार काम करेंगे और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे।”

आगामी कांग्रेस वर्किंग कमेटी बैठक का जिक्र करते हुए शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) से जुड़े मुद्दों को उठाया।

उन्होंने कहा, “मैंने मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात में राज्य की राजनीति पर चर्चा नहीं की। मैंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक से जुड़े विषय उठाए। मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाने की कोशिश और 60:40 के फंडिंग फॉर्मूले को लागू करने की बात की जा रही है, जिसमें राज्यों को 40 प्रतिशत खर्च उठाना होगा। यह किसी भी राज्य के लिए संभव नहीं है, चाहे वह भाजपा शासित ही क्यों न हो।”

शिवकुमार ने कहा कि सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत मनमोहन सिंह के कार्यकाल में शुरू की गई यह केंद्र प्रायोजित योजना लगभग 20 वर्ष पूरी करने जा रही है।

उन्होंने कहा, “हमें इसके खिलाफ लड़ना होगा। पार्टी अध्यक्ष के रूप में मैं एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहा हूं, जिसमें सभी पंचायत प्रतिनिधि और मनरेगा श्रमिक शामिल होंगे। हम इन कदमों का विरोध करेंगे और ग्रामीण विकास की रक्षा करेंगे।”