जम्मू, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को पंडित मदन मोहन मालवीय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस साल महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की 164वीं जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती है।
इस दौरान उपराज्यपाल ने कहा कि विकसित भारत के लिए महामाना और अटल बिहारी वाजपेयी के आदर्श और दूरदृष्टि तथा सामाजिक सद्भाव, समानता और न्याय का उनका संदेश हमेशा लोगों को प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने कहा कि वे आधुनिक भारत के दूरदर्शी निर्माता हैं।
उपराज्यपाल गाजीपुर स्थित पंडित मदन मोहन मालवीय अंतर महाविद्यालय में आयोजित एक स्मृति कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने भारत की शैक्षिक, सांस्कृतिक और औद्योगिक उन्नति में महामाना मालवीय के अद्वितीय योगदान को रेखांकित किया।
उपराज्यपाल ने कहा कि महामाना ने आधुनिक शिक्षा को विकास का एक सशक्त चालक बना दिया।
उन्होंने कहा कि महामना ने जनसंचार और दान के माध्यम से बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की स्थापना की। उनके आदर्शों का अनुसरण करते हुए हमने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) का उपयोग करके बुनियादी ढांचे का विकास किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हमने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी गोलाबारी और हाल की प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित परिवारों के लिए 1,800 से अधिक घरों की नींव रखी है।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत की आंतरिक शक्ति को जागृत किया और वैश्विक मंच पर साथी भारतीयों में आत्मसम्मान की भावना पैदा की।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने सुशासन और आर्थिक विकास को प्राथमिकता दी। उनका प्रभाव सार्वभौमिक था। उनके प्रशासनिक सुधारों और पारदर्शिता, जवाबदेही और कुशल, नागरिक-केंद्रित सेवा वितरण पर उनके ध्यान ने समावेशी और तीव्र विकास सुनिश्चित किया।
उपराज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महामाना और अटल बिहारी वाजपेयी के सपने साकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत का विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभरना इस परिवर्तन का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि इतिहास में पहली बार हम एक सशक्त और निर्णायक सरकार को आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करते देख रहे हैं। प्राचीन संस्कृति के पुनरुद्धार, गरीबों के उत्थान और गांवों को गतिशील केंद्रों में परिवर्तित करके प्रधानमंत्री इन महान पुरुषों के आदर्शों को साकार कर रहे हैं।

