मध्य प्रदेश में आधी आबादी की संवर रही जिंदगी: निर्मला भूरिया

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भोपाल, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की अनेक योजनाएं संचालित हैं, जो आधी आबादी की जिंदगी में बड़ा बदलाव ला रही है। राज्य की महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया का दावा है कि राज्य में महिला नेतृत्व विकास की अवधारणा जमीन पर उतर रही है।

महिला बाल विकास मंत्री भूरिया ने अपने विभाग की दो साल की उपलब्धियों का ब्यौरा पेश करते हुए संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत-2047 विजन और मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश ने बीते दो वर्षों में महिला सशक्तिकरण, बाल संरक्षण और पोषण के क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति दर्ज की है। मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना महिला सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी माध्यम बनकर उभरी है। जून 2023 से दिसंबर 2025 तक योजना की 31 किस्तों का नियमित भुगतान किया गया है। वर्तमान में एक करोड़ 26 लाख से अधिक महिलाएं योजना से लाभान्वित हैं और अब तक 48,632 करोड़ रुपए से अधिक की राशि सीधे उनके खातों में अंतरित की जा चुकी है।

उन्‍होंने बताया कि मुख्यमंत्री लाडली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत प्रदेश में अब तक 52 लाख से अधिक बालिकाओं का पंजीयन किया जा चुका है। पिछले दो वर्षों में 6.40 लाख बालिकाओं को 350 करोड़ रुपये से अधिक की छात्रवृत्ति एवं प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है। आगामी वर्षों में लाखों और बालिकाओं को योजना से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने आगे बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा योजना के अंतर्गत महिलाओं और बालिकाओं के लिए पिंक ड्राइविंग लाइसेंस अभियान चलाया गया, जिसके तहत अब तक 6,134 महिलाओं एवं बालिकाओं को लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस प्रदान किए गए हैं। यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और सुरक्षित परिवहन को प्रोत्साहित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

भूरिया ने बताया कि प्रदेश में संचालित 57 वन स्टॉप सेंटर महिलाओं के लिए सुरक्षा और सहारे का मजबूत केंद्र बन चुके हैं। बीते दो वर्षों में 54,627 से अधिक संकटग्रस्त महिलाओं को यहां स्वास्थ्य, परामर्श, विधिक एवं पुलिस सहायता उपलब्ध कराई गई। वहीं, महिला हेल्पलाइन 181 के माध्यम से 2.36 लाख से अधिक महिलाओं को त्वरित सहायता दी गई।

मंत्री ने बताया कि कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में पहली बार 284 करोड़ रुपए की लागत से 5121 सीट क्षमता वाले 8 नए वर्किंग वूमन हॉस्टल बनाए जा रहे हैं, जो अगले तीन वर्षों में पूरी तरह संचालित होंगे।समन्वित प्रयासों से प्रदेश में बाल विवाह के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है। एनएफएचएस-चार में जहां बाल विवाह की दर 32.4 प्रतिशत थी, वहीं एनएफएचएस- पांच में यह घटकर 23.1 प्रतिशत रह गई है।

उन्होंने दावा किया कि कुपोषण के खिलाफ चलाए गए अभियानों का भी सकारात्मक असर दिखा है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के अनुसार कम वजन, ठिगनापन, दुबलापन और गंभीर कुपोषण सभी संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।