चंडीगढ़ पुलिस ने नकली नोटों का बड़ा गिरोह पकड़ा, पांच आरोपी गिरफ्तार

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चंडीगढ़, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। चंडीगढ़ पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़े संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह कई राज्यों में नकली भारतीय मुद्रा छापता और फैलाता था।

एसपी क्राइम की निगरानी, डीएसपी क्राइम के मार्गदर्शन और एसएचओ पीएस क्राइम के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की टीम ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनके नाम अविनाश कुमार, सत्यम विश्वकर्मा, संदीप, अब्दुल्ला और शहजाद हैं। पुलिस ने इनके पास से बड़ी मात्रा में नकली नोट, लैपटॉप, प्रिंटर, टैबलेट और नकली मुद्रा बनाने वाली अन्य सामग्री बरामद की।

घटना की शुरुआत 19 दिसंबर को हुई। क्राइम ब्रांच की एक टीम सेक्टर 43 के आईएसबीटी के पास गश्त पर थी, तभी पुलिस को खुफिया जानकारी मिली कि जम्मू-कश्मीर का रहने वाला अविनाश कुमार चंडीगढ़ के सेक्टर 52 के गांव कझेड़ी में एक पेइंग गेस्ट हाउस में छिपा हुआ है। राजस्थान पुलिस भी उसकी तलाश कर रही थी। टीम ने तुरंत कार्रवाई की और कई पेइंग गेस्ट हाउस व होटलों की तलाशी ली। आखिरकार अविनाश को कझेड़ी गांव से पकड़ लिया गया। उसके बैग से 500, 200 और 50 रुपए के नकली नोटों की शीट्स बरामद हुईं। उसी पीजी से उसके साथी सत्यम विश्वकर्मा को भी गिरफ्तार किया गया। कमरे की तलाशी में एक लाख एक हजार रुपए की नकली मुद्रा के साथ स्टैंपिंग फॉयल और अन्य सामग्री मिली।

अगले दिन 20 दिसंबर को सत्यम के खुलासे पर इलाके में खड़ी एक सफेद ब्रेजा कार की तलाशी ली गई। कार नंबर सीएच01-सीजे-5179 था। इसमें से चार लाख छिहत्तर हजार तीन सौ रुपए की नकली मुद्रा बरामद हुई, जिसमें 500 रुपए के 803 नोट और 200 रुपए के 374 नोट थे। आरोपियों के बयानों के आधार पर हरियाणा के महेंद्रगढ़ निवासी संदीप और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के अब्दुल्ला व शहजाद को भी पकड़ लिया गया।

यह गिरोह उत्तर भारत में सक्रिय था। नकली नोट खरीदने और बेचने के लिए सोशल मीडिया व टेलीग्राम ग्रुप का इस्तेमाल करता था। नोट छापने के लिए प्रिंटर और स्टैंपिंग फॉयल जैसी सामग्री काम में लाते थे। पुलिस की यह कार्रवाई नकली मुद्रा के कारोबार पर बड़ा झटका है। जांच जारी है और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।