बीजापुर, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के बीजापुर डाक विभाग में सामने आए रिश्वतखोरी के मामले से पूरे जिले में हड़कंप मच गया है। सीबीआई ने ट्रांसफर और रिलीविंग ऑर्डर जारी करने के बदले रिश्वत मांगने के आरोप में बड़ी कार्रवाई करते हुए डाक विभाग के चार अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
सीबीआई की इस कार्रवाई को जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ अब तक की सबसे सख्त और निर्णायक पहल के रूप में देखा जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, 23 दिसंबर की शाम रायपुर स्थित सीबीआई कार्यालय को विश्वसनीय सूचना प्राप्त हुई थी कि बीजापुर पोस्ट ऑफिस में पदस्थ कुछ अधिकारी और कर्मचारी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कर्मचारियों से अवैध वसूली कर रहे हैं। शिकायतकर्ता का स्थानांतरण छत्तीसगढ़ से बाहर होने के कारण वह स्वयं रायपुर पहुंचने में असमर्थ था। इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए सीबीआई ने तत्काल एक विशेष टीम का गठन किया और 24 दिसंबर की सुबह टीम को बीजापुर रवाना किया गया।
दरअसल, इस संबंध में 24 दिसंबर को सीबीआई को लिखित शिकायत मिली थी। शिकायत में उप मंडलीय निरीक्षक (पोस्ट) शास्त्री कुमार पैंकरा, एबीपीएम संतोष आंद्रिक, मेल ओवरसीयर मलोथ शोभन तथा जीडीएस बीपीओ आंद्रिक पर रिलीविंग ऑर्डर जारी करने के एवज में रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप लगाया गया। शिकायत में बताया गया कि इस कार्य के लिए कुल 8 हजार रुपए की मांग की जा रही थी।
सीबीआई इंस्पेक्टर रवि रंजन द्वारा स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में की गई प्राथमिक जांच और सत्यापन के दौरान 4 हजार रुपए की रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई। जांच में आरोपों को प्रथम दृष्टया सही पाए जाने के बाद भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 61(2) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया। एफआईआर दर्ज होने के बाद सीबीआई की टीम ने चारों आरोपियों से करीब 20 घंटे तक गहन पूछताछ की।
पूछताछ के दौरान ट्रांसफर, मेडिकल अवकाश और छुट्टी से जुड़े अन्य मामलों में भी रिश्वतखोरी की आशंका सामने आई है। जांच एजेंसी अब इन सभी पहलुओं से संबंधित दस्तावेजी साक्ष्य जुटाने के साथ-साथ पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है। लंबी पूछताछ के बाद सीबीआई चारों आरोपियों को रायपुर ले गई, जहां आगे की कानूनी प्रक्रिया के तहत जांच जारी है।
इस कार्रवाई के बाद बीजापुर डाक विभाग में अफरा-तफरी का माहौल बन गया है। विभागीय कर्मचारियों में भय और बेचैनी देखी जा रही है, वहीं आम नागरिकों में भी इस घटना को लेकर गहरी नाराजगी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ट्रांसफर और रिलीविंग जैसे वैधानिक और अधिकारिक कार्यों के बदले रिश्वत मांगना बेहद गंभीर अपराध है। सीबीआई की इस सख्त कार्रवाई से यह साफ संदेश गया है कि सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार को अब किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

