चित्तौड़गढ़, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। अरावली पर्वत शृंखला को बचाने की मांग को लेकर चित्तौड़गढ़ में कांग्रेस का ‘अरावली बचाओ अभियान’ और तेज हो गया है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद सिसोदिया के नेतृत्व में शनिवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पाडन पोल से कलेक्ट्री चौराहे तक पैदल मार्च निकाला।
मार्च के समापन पर कलेक्ट्री चौराहे पर मानव शृंखला बनाकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई।
इस दौरान जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद सिसोदिया ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के हालिया फैसले के बाद अरावली क्षेत्र में खनन की इजाजत मिलने से पर्यावरण को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि अब इस फैसले से स्थिति और अधिक भयावह हो सकती है।
सिसोदिया ने स्पष्ट किया कि अरावली केवल पहाड़ों की शृंखला नहीं, बल्कि पूरा पारिस्थितिकी तंत्र है। यह क्षेत्र भूजल संरक्षण, वर्षा जल संचयन, हरित आवरण और जलवायु संतुलन में अहम भूमिका निभाता है। यदि अरावली को नुकसान पहुंचा तो आने वाले समय में जल संकट, तापमान वृद्धि और पर्यावरण असंतुलन से आमजन को भारी परेशानी झेलनी पड़ेगी। उनका कहना है कि अरावली लोगों के जीवन का आधार है और इसे बचाने के लिए वे हरसंभव कदम उठाएंगे।
उन्होंने सरकार से मांग की कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी अरावली संरक्षण के लिए विशेष कानून और सख्त दिशा निर्देश लागू किए जाएं, ताकि खनन गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण हो सके। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने अरावली को बचाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए तो कांग्रेस की ओर से राज्यव्यापी और राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन किया जाएगा।
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने हाथों में बैनर पोस्टर लेकर अरावली बचाने के नारे लगाए। नेताओं ने कहा कि अरावली हमारी लाइफ लाइन, आन-बान और शान है। इसके अस्तित्व पर संकट का अर्थ आने वाली पीढ़ियों के भविष्य से खिलवाड़ है।
इस दौरान कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता, स्थानीय नेता और पर्यावरण प्रेमी मौजूद रहे, जिन्होंने अरावली संरक्षण को लेकर एकजुट होकर आवाज बुलंद की।

