बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट का दावा, ‘दो हमलों में छह पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया’

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क्वेटा, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट ने दावा किया है कि उसने दो अलग-अलग हमलों में पाकिस्तान के छह सैनिकों को मार गिराया। ये हमले बलूचिस्तान के ओरमारा और सुराब इलाके में किए गए थे।

वहीं, बलूच रिपब्लिकन गार्ड्स (बीआरजी) ने भी दावा किया कि उसने प्रांत के कच्छी जिले में पुलिस पर ग्रेनेड हमला किया था।

शुक्रवार को जारी एक मीडिया बयान में, बीएलएफ प्रवक्ता मेजर ग्वाहरम बलूच ने बताया कि बीएलएफ के लड़ाकों ने 25 दिसंबर की शाम को सुराब बाजार में पाकिस्तान फ्रंटियर कॉर्प्स (एफसी) और पुलिस के जॉइंट चेकपॉइंट पर गोलीबारी की थी, जिससे दो जवान मारे गए और तीन अन्य घायल हो गए थे।

द बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रुप ने कहा कि उसके लड़ाकों ने उसी दिन ओरमारा के बसोल इलाके में एक पाकिस्तानी मिलिट्री कैंप पर भी हमला किया था।

बयान में आगे कहा गया कि बीएलएफ की एक स्नाइपर टीम ने शुरू में छावनी की सिक्योरिटी पोस्ट पर तैनात एक पाकिस्तानी सैनिक को गोली मारी, फिर कुछ मिनट बाद दूसरी टीम ने ग्रेनेड और भारी हथियारों से हमला किया। ग्रुप ने दावा किया कि तीन और जवान मारे गए, जबकि कई अन्य घायल हो गए। बीएलएफ के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई में “मशीन-गन से फायरिंग की और अलग-अलग दिशाओं में मोर्टार दागे,” और ऑपरेशन पूरा होने के बाद उसके लड़ाके सुरक्षित वापस लौट आए।

बीएलएफ के अनुसार, संगठन “अपने शहीदों का मिशन पूरा होने तक संघर्ष जारी रखेगा।”

एक अलग बयान में, बलूच रिपब्लिकन गार्ड्स (बीआरजी) ने दावा किया कि उसने शुक्रवार को कच्छी जिले के धादर शहर में पुलिसवालों पर ग्रेनेड हमला किया था।

बीआरजी के प्रवक्ता दोस्तैन बलूच ने कहा कि उसके लड़ाकों ने पुलिस टुकड़ी पर हैंड ग्रेनेड का इस्तेमाल किया जिससे “कब्जा करने वाले समूह” (बीआरजी का दिया नाम) को काफी नुकसान हुआ। इस समूह ने दावा किया कि बलूचिस्तान को आजादी मिलने तक ये हमले जारी रहेंगे।

बलूचिस्तान के लोग अभी पाकिस्तान से अपनी आजादी के लिए लड़ रहे हैं।

बलूचिस्तान के कई मानवाधिकार संगठनों ने बार-बार पाकिस्तानी सेना के जुल्म को सामने लाने का काम किया है। वे बलूच नेताओं और आम लोगों के घरों पर हिंसक छापे, गैर-कानूनी गिरफ्तारियों, युवकों और महिलाओं को अगवा करने, ‘मार डालो और फेंक दो’ पॉलिसी, मेंटेनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर ऑर्डिनेंस के तहत हिरासत में लेने और मनगढ़ंत पुलिस केस दर्ज करने के मामले को विश्व पटल पर रखते रहे हैं और अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी से बलूचों की मदद करने की अपील करते रहे हैं।