हरियाणा: नूंह के खेतों में उगा नवाचार, 20 वैरायटी वाले मशरूम प्लांट ने बदली खेती की तस्वीर

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नूंह, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। नूंह जिला, जिसे हरियाणा का एक पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है, आज अपनी छिपी हुई प्रतिभाओं और नवाचारों के कारण नई पहचान बना रहा है। यहां के किसान और स्थानीय निवासी पारंपरिक खेती के साथ-साथ आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाकर अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर रहे हैं। जिले के कई गांवों में देसी गेहूं की खेती पहले से ही प्रसिद्ध है और अब उसकी मांग भी लगातार बढ़ रही है।

इसी कड़ी में नूंह जिले के जागरूक किसान राहुल वर्मा ने मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अत्याधुनिक मशरूम प्लांट स्थापित कर एक नई मिसाल कायम की है। इस पहल में जिला बागवानी विभाग की भूमिका बेहद अहम रही है, जिसने 40 प्रतिशत सब्सिडी के तहत 12 लाख रुपए की अनुदान राशि प्रदान की है। इसके साथ ही कंपोस्ट बनाने की यूनिट के लिए भी 12 लाख रुपए की अतिरिक्त अनुदान राशि की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

जिला बागवानी अधिकारी डॉ. अब्दुल रजाक ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि नूंह जिले में कुल सात ब्लॉक हैं, जिनमें तावडू ब्लॉक भी शामिल है। तावडू स्थित राहुल वर्मा के फार्म हाउस पर वर्तमान में 10 प्रकार की मशरूम वैरायटी की खेती की जा रही है, जहां प्रतिदिन लगभग 200 से 260 किलोग्राम मशरूम का उत्पादन हो रहा है। इस उत्पादन की सप्लाई एक निजी कंपनी ‘ब्लैंकेट’ को की जा रही है, जो इसे देशभर में वितरित करती है। उन्होंने कहा कि इस मशरूम प्लांट से मेवात क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं और स्थानीय युवाओं को काम मिल रहा है। विभाग द्वारा एक सोलर ड्रायर मशीन भी उपलब्ध कराई गई है, जिससे मशरूम को सुखाकर पैक किया जा सकता है और देश के विभिन्न हिस्सों में आसानी से भेजा जा सकता है।

डॉ.रजाक ने मशरूम के पोषण महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ है और शाकाहारी लोगों के लिए मीट का एक बेहतर विकल्प माना जाता है। यह दिल के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है और शरीर की लगभग सभी पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करता है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट की सफलता को देखते हुए जिले के विभिन्न गांवों से किसान मशरूम की खेती में रुचि दिखा रहे हैं और जानकारी लेने के लिए फार्म हाउस पर पहुंच रहे हैं। तावडू उपमंडल में ही 60 लाख रुपए की लागत वाला एक और मशरूम प्रोजेक्ट प्रस्तावित किया गया है, जिसके लिए आवेदन किया जा चुका है।

जिला बागवानी अधिकारी ने बताया कि यह मशरूम प्लांट न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश में अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है, जहां एक साथ 20 वैरायटी का उत्पादन और ट्रायल किया जा रहा है। यह प्लांट पूरी तरह कंप्यूटरीकृत है, जिसमें मशरूम की आवश्यकता के अनुसार अलग-अलग चैंबरों में तापमान और नमी को कंप्यूटर के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है। उन्होंने दावा किया कि हरियाणा में यह पहला ऐसा प्रोजेक्ट है और संभवतः देश स्तर पर भी यह एक अनोखी पहल है।

वहीं, लाभान्वित किसान राहुल वर्मा ने कहा कि उन्हें जिला बागवानी विभाग का पूरा सहयोग मिल रहा है, जिसके कारण उनका उत्पादन लगातार बढ़ रहा है और उन्हें अच्छी आमदनी भी हो रही है। उन्होंने बताया कि पहले उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि उनका यह प्रोजेक्ट हरियाणा या देश में अपनी तरह का एकमात्र है, लेकिन अब उन्हें गर्व महसूस हो रहा है कि उन्होंने अपनी खेती के माध्यम से नूंह जिले और हरियाणा का नाम रोशन किया है। यह मशरूम प्लांट इस बात का प्रमाण है कि पिछड़े क्षेत्रों में भी नवाचार, आधुनिक तकनीक और सरकारी सहयोग के जरिए आर्थिक विकास संभव है। यह परियोजना नूंह जिले के किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनती जा रही है और कई अन्य किसानों ने भी ऐसे प्लांट लगाने के लिए आवेदन किया है, जिन पर विभाग द्वारा विचार किया जा रहा है।