डिब्रूगढ़, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। असम के स्वास्थ्य मंत्री अशोक सिंघल ने शनिवार को डिब्रूगढ़ के जुटलीबाड़ी चाय बागान में स्वस्थबन श्रमिक योजना का राज्य-स्तरीय पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया। इस योजना का उद्देश्य चाय बागान समुदाय के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना है। इस महत्वाकांक्षी हेल्थ स्क्रीनिंग पहल का मकसद चाय बागान की आबादी को यूनिवर्सल, उच्च-गुणवत्ता वाली मेडिकल सेवाएं देना है, जो राज्य की कुल आबादी का लगभग 20 प्रतिशत है।
2025-26 के राज्य बजट में मंजूर की गई यह योजना मोरन, सेसा और घघराजन सहित 20 चुने हुए चाय बागानों में एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की जा रही है। इसका मुख्य मकसद इन समुदायों में फैलने वाली और न फैलने वाली दोनों तरह की बीमारियों की ज्यादा दर से निपटना है। हेल्थ स्टडीज से लंबे समय से पता चला है कि चाय बागान के मजदूर एनीमिया, हाइपरटेंशन, डायबिटीज, टीबी और कुष्ठ रोग के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं।
उद्घाटन समारोह में बोलते हुए मंत्री सिंघल ने जोर दिया कि चाय उद्योग असम की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इसके मजदूरों की ‘पूरी भलाई’ सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है। यह कार्यक्रम एक स्ट्रक्चर्ड स्क्रीनिंग प्रक्रिया शुरू करता है। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर कम्युनिटी-बेस्ड असेसमेंट फॉर्म भरेंगी, जबकि मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) मौके पर ही जांच और इलाज करेंगी।
इस योजना की एक खास बात यह है कि जागरूकता अभियान चलाने के लिए बागानों के अंदर से ही ‘महिला स्वास्थ्य और कल्याण राजदूत’ नियुक्त किए जाएंगे। इसके अलावा, ‘स्वास्थ्य चौपाल’ स्थापित किए जाएंगे ताकि मजदूरों को तंबाकू और शराब की लत की शुरुआती शुरुआत के खिलाफ सलाह दी जा सके, जो अक्सर इन इलाकों में 25 साल की उम्र से पहले शुरू हो जाती है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीमें भी बच्चों और किशोरों के लिए 100 प्रतिशत स्वास्थ्य कवरेज सुनिश्चित करेंगी ताकि कुपोषण और विकास में देरी को दूर किया जा सके।

