मप्र में कम से कम दस सीटें जीतेगी कांग्रेस : अरुण यादव (आईएएनएस साक्षात्कार)

0
34

भोपाल, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा है कि इस बार के नतीजे चौंकाने वाले रहेंगे। कांग्रेस मध्य प्रदेश में कम से कम दस सीटें जीतेगी। उन्होंने कहा कि देश की जनता का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मोहभंग हो गया है। यह बात लोकसभा चुनाव के मतदान के पहले चरण में भी साफ नजर आई है।

कांग्रेस के मध्य प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा, “बीते 10 सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो झूठे वादे किए हैं उन्हें जनता जान चुकी है। लिहाजा लोकसभा चुनाव में मतदाता पीएम मोदी और भाजपा को सत्ता से बाहर करने का मन बना चुके हैं।”

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में वादे किए गए। फिर 2019 के चुनाव में नए वादों का पिटारा खोल दिया गया। ये वादे पूरी तरह झूठे साबित हुए हैं और जनता अब किसी झांसे में आने वाली नहीं है।

अरुण यादव ने एक सवाल के जवाब में कहा कि लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान हो गया है। इस बार मतदान का प्रतिशत कम रहा, जो इस बात का साफ तौर पर संकेत है कि आमजन का भाजपा और मोदी सरकार से मोहभंग हो गया है।

पहले चरण के मतदान में इस बात के साफ संकेत मिले हैं कि इंडिया गठबंधन को भारी बढ़त मिलने वाली है। बात अगर हम मध्य प्रदेश की करें तो पहले चरण की छह सीटों में से तीन से ज्यादा सीटों पर कांग्रेस को बढ़त मिलनी तय है। इतना ही नहीं अगले चरणों में भी कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की स्थिति लगातार मजबूत होगी।

लोकसभा चुनाव से पहले देश के अन्य हिस्सों के साथ मध्य प्रदेश में भी बड़ी तादाद में कांग्रेस नेताओं के भाजपा में शामिल होने पर पूर्व मंत्री यादव ने कहा कि कोई भी व्यक्ति परिवार से जाता है तो उससे कुछ नुकसान तो होता है, मगर वे लोग गए हैं जिनका न तो जन आधार है और न ही वह पार्टी के लिए बहुत ज्यादा उपयोगी रहे हैं।

मध्य प्रदेश के ही एक ऐसे नेता हैं जो 30 साल तक राज्यसभा में सदस्य रहे और कई बार केंद्र में मंत्री बने। उन्होंने जो चुनाव लड़े उनमें एक बार 27 हजार से हारे और एक बार 32 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हारे।

भाजपा के चार सौ पार के नारे पर कटाक्ष करते हुए अरुण यादव ने कहा कि यह सिर्फ नारा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा के भीतर इस बात की घबराहट है कि 400 पार करना तो दूर की बात, सत्ता उनके हाथ से जा रही है। यही कारण है कि वह विरोधी दलों के नेताओं के खिलाफ लगातार केंद्रीय जांच एजेंसी का दुरुपयोग कर रहे हैं और दल बदल कराने में लगे हैं।

विरोधी दल के नेताओं पर पहले गंभीर आरोप लगाए जाते हैं, छापेमारी की जाती है और अगर वह भाजपा का दामन थाम लेता है तो उसे क्लीन चिट मिल जाती है। यह इस बात का संकेत है कि भाजपा को दिखने लगा है कि सत्ता उनके हाथ से जा रही है।

राज्य में लोकसभा की 29 सीटें हैं और वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 28 और कांग्रेस को सिर्फ एक सीट छिंदवाड़ा मिली थी। पूर्व मंत्री यादव का कहना है कि इस बार के नतीजे चौंकाने वाले होंगे और कांग्रेस राज्य में 10 से ज्यादा सीटें जीतने वाली है।