मई में क्यों हुई इतनी अधिक बारीश? टूटा 125 साल का रिकॉर्ड; मौसम विभाग ने सब बताया

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नई दिल्ली
उत्तर भारत और पूर्वोत्तर के राज्यों में मई के महीने के दौरान मौसम के मिजाज में भारी बदलाव देखने को मिला है। मौसम विभाग के अनुसार पिछले करीब सवा सौ सालों में यह तीसरा मौका है, जब उत्तर-पश्चिमी राज्यों में मई के दौरान सर्वाधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है, जबकि पूर्व और पूर्वोत्तर राज्यों में कम बारिश का भी यह तीसरा रिकॉर्ड है। मौसम विभाग ने शुक्रवार को मई के महीने के मौसम का विश्लेषण जारी किया है। इसके अनुसार उत्तर भारत में इस दौरान 67.3 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 1901 के बाद से तीसरी बार सर्वाधिक है। इससे पूर्व 1987 में 95 मिमी तथा 2021 में 68.2 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। उत्तर पश्चिम भारत से तात्पर्य दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश है।

मई के महीने में उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य बारिश 34.6 डिग्री होती है, लेकिन इस बार इसमें 94 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। लेकिन सर्वाधिक बारिश वाले इलाके पूर्व और पूर्वोत्तर में मई के दौरान बारिश में कमी दर्ज की गई है। 1901 के बाद यह तीसरा मौका है, जब मई के दौरान इस हिस्से में कम बारिश हुई है। इस बार 111.3 मिमी बारिश हुई है, जबकि इससे पूर्व कम बारिश वाले दो साल 1907 और 2012 रहे हैं, जब बारिश क्रमश 108.1 तथा 109.6 मिमी दर्ज की गई थी। इस क्षेत्र के लिए सामान्य बारिश 189.9 मिमी है। यानी 41 फीसदी कम बारिश हुई है।

मई महीने में 8 पश्चिम विक्षोभ बने
विभाग के अनुसार मई के दौरान देश भर में सामान्य से 10 फीसदी, दक्षिणी हिस्से में 32 और मध्य भारत में 64 फीसदी बारिश हुई है। रिपोर्ट के अनुसार मई के दौरान उत्तर पश्चिम भारत में अधिकतम औसत तापमान 33.53 डिग्री रिकार्ड किया गया, जो अब का आठवीं बार कम तापमान है। यह सामान्य से करीब दो डिग्री कम रहा। इसी बार न्यूनतम औसत तापमान सातवीं बार कम रहा, जो 26.81 डिग्री जो सामान्य से 1.71 डिग्री कम है। इसी प्रकार मध्य भारत में तापमान कम तथा पूर्व और पूर्वोत्तर में ज्यादा दर्ज किया।

मौसम विभाग के अनुसार 1-8 मई के दौरान उष्ण लहर का प्रकोप नहीं रहा, जबकि 24-31 मई के दौरान भी ज्यादातर हिस्सों में बारिश और आंधी तूफान की घटनाएं हुई, जिससे तापमान कम रहा। हालांकि महीने के मध्य में पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, तटीय आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश के कई इलाकों में लू चली। मई में ज्यादा बारिश की प्रमुख वजह 8 पश्चिमी विक्षोभ का बनना है, जो 1, 4, 11, 15, 17 23, 27 29 मई के दौरान सक्रिय हुए थे। इनके चलते बारिश और आंधी तूफान की गतिविधियां हुई।