चेन्नई में नहीं खेलना चाहता पाक, अफगानिस्तानी स्पिनर्स से घबरा रहा

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चेन्नई

इस साल के अंत में 50 ओवर का वर्ल्ड कप होना है, जिसकी मेजबानी भारत करेगा। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड इस दौरान भारत के चुनिंदा मैदानों पर चुनिंदा टीमों के खिलाफ खेलने से ड्रामा कर रहा है। अफगानिस्तान के खिलाफ चेन्नई और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेंगलुरु में मैच इन शामिल है। भारत और पाकिस्तान के बीच बहुप्रतीक्षित मुकाबला 15 अक्टूबर को अहमदबाद में होने की संभावना है। विश्व कप कार्यक्रम की घोषणा से पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने पीसीबी सहित सभी सदस्य बोर्ड से प्रस्तावित कार्यक्रम पर सुझाव मांगे हैं। पीसीबी के एक विश्वसनीय सूत्र ने बताया कि बोर्ड के आंकड़े, विश्लेषक और टीम रणनीति विशेषज्ञ को उन आयोजन स्थलों को स्वीकृति देने का काम सौंपा गया है जहां आईसीसी और भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने 50 ओवर के प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के दौरान पाकिस्तान के मुकाबलों का अस्थाई कायक्रम तैयार किया है।

 
सूत्र ने कहा, ‘पीसीबी ने टीम का अस्थाई कार्यक्रम चयनकर्ताओं/विशेषज्ञों के पास भेजा है जो संभवत: पाकिस्तान टीम के कुछ मुकाबलों के कार्यक्रम और स्थल को लेकर सहज नहीं हैं। जैसे कि उन्हें चेन्नई में अफगानिस्तान और बेंगलुरू में ऑस्ट्रेलिया से खेलने को लेकर आपत्ति है।’ चेन्नई की स्पिन की अनुकूल पिच पर अफगानिस्तान से खेलने का मतलब है कि पाकिस्तान को राशिद खान और नूर अहमद जैसे स्पिनरों का सामना करना होगा, जिन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में गुजरात टाइटंस की ओर से अच्छा प्रदर्शन किया। बेंगलुरू की पिच आम तौर पर बल्लेबाजी के अनुकूल होती है और यह समझना मुश्किल है कि आखिर क्यों पाकिस्तान को चिन्नास्वामी स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया से खेलने में आपत्ति है।

पीसीबी सूत्र ने दावा किया, ‘बोर्ड को सुझाव यह है कि आईसीसी/बीसीसीआई को पाकिस्तान के मैचों का कार्यक्रम बदलने को कहा जाए और टीम के मजबूत पक्ष के अनुसार बेंगलुरू में अफगानिस्तान और चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया से खेला जाए।’’ हालांकि बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा कि आईसीसी का सदस्यों से कार्यक्रम पर सुझाव मांगना प्रोटोकॉल का हिस्सा है और आयोजन स्थल में बदलाव के लिए ठोस कारण होना चाहिए। सदस्य बोर्ड सुरक्षों कारणों से आयोजन स्थल में बदलाव की मांग कर सकते हैं जैसे पाकिस्तान ने 2016 में किया था जब वे टी20 विश्व कप के लिए भारत आए थे। अगर आपने अपनी टीम के मजबूत और कमजोर पक्षों के अनुसार स्थल पर आपत्ति जतानी शुरू कर दी तो कार्यक्रम को अंतिम रूप देना बेहद मुश्किल हो जाएगा। इसलिए जब तक पर्याप्त ठोस कारण नहीं होता तब तक स्थल में बदलाव नहीं होता।’