नई दिल्ली
2013 की बात है। व्लादिमीर पुतिन के राष्ट्रपति पद पर लौटने के एक साल बाद और मॉस्को द्वारा क्रीमिया पर कब्ज़ा करने से एक साल पहले एलेक्जेंड्रा गार्माजापोवा एक अंडरकवर मिशन पर थीं। वह एक खोजी रिपोर्टर थीं और "ऑनलाइन ऑपरेटर" के रूप में रूस के दूसरे सबसे बड़े शहर और पुतिन के गृहनगर सेंट पीटर्सबर्ग के बाहर सफेद बर्फ से ढके एक कार्यालय से काम किया करती थी और क्रेमलिन के समर्थन में सैकड़ों कमेंट किया करती थीं। कथित तौर पर वह कार्यालय येवगेनी प्रिगोझिन का था, जो उस समय क्रेमलिन में अपनी खानपान सेवाओं के लिए "पुतिन के शेफ" के रूप में जाने जाते थे। गार्माजापोवा की कहानी तब तक एक सनसनीखेज घटना थी, जिसने एक कुख्यात "ट्रोल फार्म" को मानचित्र पर ला दिया था और अंततः 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में दखलंदाजी करने के आरोप में उनके मालिक को वाशिंगटन द्वारा ब्लैकलिस्ट कर दिया गया।
मॉस्को पर वैगनर लड़ाकों के मार्च के बाद, जो रूसी राजधानी से केवल 200 किमी (124 मील) दक्षिण में रोक दिया गया था, गार्माजापोवा को अब विश्वास हो गया है कि "पुतिन का शेफ" एक खतरनाक आदमी है। गार्माजापोवा ने कहा कि वह लंबे समय तक जीवित नहीं रहने वाला है। गार्माजापोवा अब प्राग में रहती है और जिस पर हाल ही में “रूसी सेना के बारे में फर्जी खबरें फैलाने” का आरोप लगाया गया है।
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, गार्माजापोवा अब एक समूह चलाती है जो हजारों रूसी पुरुषों को लामबंदी से बचने में मदद करती है। अल जज़ीरा से उन्होंने कहा, "हमें याद है कि व्लादिमीर पुतिन एक बहुत ही प्रतिशोधी चरित्र के शख्स हैं, और वह इस तथ्य को नहीं भूलेंगे कि उन्हें पूरी दुनिया के सामने येवगेनी प्रिगोझिन ने अपमानित किया है।" बता दें कि वैगनर को दक्षिण-पश्चिमी रूस में वापस ले जाने के लिए सहमत होने के बाद, पुतिन ने प्रिगोझिन और उनके लोगों के खिलाफ घुसपैठ के आरोप हटा दिए हैं और उन्हें बेलारूस में स्थानांतरित करने की अनुमति दी है।
इसबीच, पूर्व वैगनर सैनिक मराट गैबिडुलिन, जो फ्रांस भाग गए ने अपने अनुभवों के बारे में अल जज़ीरा को बताया कि भले ही प्रिगोझिन पर बेलारूस को भी छोड़ने का दबाव हो, लेकिन सीरिया और कई उप-सहारा देशों में उसकी मजबूत पकड़ हैं, जहां वैगनर ने लड़ाई लड़ी थी और बदले में प्रिगोझिन ने सुरक्षा अनुबंध और लकड़ी के व्यापार और खनन में हिस्सेदारी हासिल कर रखी है। मराट ने कहा, "अफ्रीका प्रिगोझिन का इंतजार कर रहा है, सीरिया उसका इंतजार कर रहा है, उसकी जगह लेने के लिए वहां कोई नहीं है। वहां उनकी परियोजनाएं सफल कही जा सकती हैं।"
इधर, मंगलवार को सउदी अरब के अल हदथ टेलीविजन चैनल ने दावा किया कि रूसी सैन्य पुलिस ने सीरिया में वैगनर मुख्यालय पर छापा मारा है और चार वैगनर कमांडरों को गिरफ्तार कर लिया है। रिपोर्टर गार्माजापोवा ने कहा, अफ्रीका प्रिगोझिन का आखिरी सहारा बन सकता है। उन्होंने कहा, "इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि प्रिगोझिन को अपना बाकी जीवन मध्य अफ्रीकी गणराज्य या किसी अन्य अफ्रीकी देश में बिताना होगा। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि पुतिन उसे कितनी हद तक छोड़ते हैं क्योंकि पुतिन अपने दलबदलू सहयोगियों और सहकर्मियों को सज़ा देने के लिए कुख्यात रहे हैं।"
बता दें कि रूस के एक ख़ुफ़िया अधिकारी अलेक्जेंडर लिट्विनेंको थे, जिन्होंने पुतिन पर कथित तौर पर कई आवासीय इमारतों को उड़ाने का आदेश देने का आरोप लगाया था ताकि हमलों का दोष चेचन अलगाववादियों पर लगाया जा सके। पुतिन ने लिट्विनेंको को बार-बार "देशद्रोही" कहा था, जो यूनाइटेड किंगडम भाग गए थे। उसे 2006 में रेडियोधर्मी पोलोनियम -210 से घातक जहर दे दिया गया था।