मजदूरों के हित में सर्वाधिक योजनाएँ अमल में लाने वाला राज्य बना मध्यप्रदेश

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हर कदम पर सामाजिक सुरक्षा, सवा पाँच लाख़ मजदूरों को 4917 करोड़ की सहायता

भोपाल

मजदूरों के लिए मुख्यमंत्री जन-कल्याण संबल योजना सहित 22 प्रकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के संचालन के साथ मध्यप्रदेश मजदूर परिवारों के हित में सर्वाधिक योजनाएँ अमल में लाने वाला राज्य बन गया है। इन योजनाओं का लाभ देने के लिए श्रम सेवा पोर्टल काम कर रहा है।

मुख्यमंत्री जन-कल्याण (संबल) योजना में पिछले डेढ़ दशक में 5 लाख 25 हजार मजदूरों को 4917 करोड़ रुपये की सहायता दी ग़ई है। अब तक एक करोड़ 61 लाख मजदूरों का पंजीयन किया गया है। कोविड संक्रमण के कठिन समय में श्रमिक परिवारों को इन योजनाओं से भरपूर मदद मिली थी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशों पर श्रमिक बन्धुओं के लिए प्रदेश में सर्वाधिक योजनाएँ चलाई जा रही हैं। इनमें अनुग्रह सहायता, स्थाई एवं अस्थाई रूप से अपंग होने पर सहायता, मध्यप्रदेश श्रम कल्याण बोर्ड के अंतर्गत श्रमिकों को शैक्षणिक छात्रवृत्ति योजना, शिक्षा पुरस्कार योजना, रियायती मूल्य पर कॉपी वितरण योजना, कन्या विवाह सहायता योजना, कल्याणी सहायता योजना, मुख्यमंत्री जन-कल्याण प्रसूति सहायता योजना, कक्षा दसवीं और 12 वीं के लिए सुपर-5000 योजना, सायकिल और उपकरण खरीदने के लिए अनुदान योजना, उत्तम श्रमिक पुरस्कार योजना, श्रमिक साहित्य पुरस्कार योजना, अनुग्रह सहायता योजना जैसी योजनाओं का लाभ मिल रहा है।

वित्तीय वर्ष 2022 में श्रम कल्याण मंडल की विभिन्न योजनाओं में 6646 श्रमिकों को 4 करोड़ 30 लाख 67 हजार रुपए की सहायता दी गई। चालू वित्त वर्ष में अब तक मंडल की विभिन्न योजनाओं में 2043 मजदूरों को एक करोड़ 41 लाख 18 हजार रुपए की सहायता दी गई है। इन योजनाओं के प्रारंभ से अब तक 5 लाख 86 हजार मजदूरों को रू. 35 करोड़ 77 लाख की सहायता दी गई।

मध्यप्रदेश स्लेट पेंसिल कर्मकार कल्याण मंडल के माध्यम से 2008-09 से 2022-23 तक 17 हजार 274 श्रमिकों को 8 करोड़ 55 लाख रूपये की सहायता दी गई। मध्यप्रदेश भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मंडल में दर्ज सभी कामगारों को सहायता दी जा रही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में मंडल की विभिन्न योजनाओं में 34500 निर्माण श्रमिकों को 275 करोड़ का लाभ दिया गया। योजनाओं के प्रारंभ से अब तक 40 लाख 17 हजार हितग्राहियों को 2592 करोड़ रुपए के हितलाभ दिए गए।

प्रदेश में श्रमिकों को ओवरटाइम के लिए उनकी सहमति जरूरी है। श्रमिकों को न्यूनतम वेतन और महंगाई भत्ता दिया जाना तथा नियम अनुसार समय-सीमा में वेतन का भुगतान किया जाना आवश्यक है। कामगारों का स्वास्थ्य नियमित परीक्षण कराया जा रहा है। हाल में 35 शिविर लगाकर 7000 श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।

विवाह सहायता, शिक्षा सहायता, सुपर 5000 कक्षा-10, सुपर 5000 कक्षा-12, आवास, सायकल अनुदान, औजार उपकरण खरीदी योजना, अनुग्रह सहायता, रैन बसेरा निर्माण, खिलाड़ी प्रोत्साहन और निर्माण श्रमिक शेड जैसी योजनाओं में 178 करोड़ रूपये सहायता 27 हजार प्रकरणों में दी गई।

वर्ष 2008 से 2022-23 तक शैक्षणिक छात्रवृत्ति योजना, शिक्षा प्रोत्साहन योजना, विवाह सहायता योजना रियायती मूल्यों पर कापी, कल्याणी सहायता, उत्तम श्रमिक और श्रमिक साहित्य पुरस्कार के लिए 33 करोड़ 73 लाख की सहायता 5 लाख 83 हजार श्रमिकों को दी गई।

असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे मजदूरों के लिए असंगठित कर्मकार कल्याण मंडल संबल-2 में 20 लाख पंजीयन हो चुके हैं। असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे 45 लाख से ज्यादा मजदूरों को 2510 करोड़ रूपये की सहायता दी गई है। इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में मजदूरों के बच्चों की शिक्षा के लिए श्रमोदय विदयालयों का निर्माण तेजी से हो रहा है।