अमरनाथ यात्रा : 35 दिनों में 4.85 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन

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जम्मू, 3 अगस्त (आईएएनएस)। अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ रही ही। पिछले 35 दिनों में 4.85 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री अमरनाथ यात्रा कर चुके हैं। शनिवार को 991 यात्रियों का एक छोटा जत्था घाटी के लिए रवाना हुआ।

इस साल अमरनाथ यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पिछले साल की तुलना में अधिक हो गई है। अब तक 4.85 लाख से ज्यादा श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा कर चुके हैं, जबकि पिछले साल 4.45 लाख लोगों ने यात्रा की थी।

पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों समेत बड़ी संख्या में सुरक्षा बल, तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए जम्मू से लेकर दोनों आधार शिविरों तक 350 किलोमीटर से अधिक लंबे मार्ग पर चौबीसों घंटे ड्यूटी कर रहे हैं।

इसके अलावा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए पारगमन शिविरों, आधार शिविरों और गुफा मंदिर में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अधिकारी पेशेवर क्षमता के साथ यात्रा के मामलों का प्रबंधन कर रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि 991 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था शनिवार सुबह जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए रवाना हुआ।

अधिकारियों ने बताया कि इनमें से 176 लोग उत्तर कश्मीर के बालटाल आधार शिविर के लिए रवाना हुए, जबकि 815 लोग दक्षिण कश्मीर के नुनवान (पहलगाम) आधार शिविर जा रहे हैं।

गुफा मंदिर में बर्फ की एक संरचना है जो चंद्रमा के चरणों के साथ घटती-बढ़ती रहती है। भक्तों का मानना ​​है कि यह बर्फ की संरचना भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है।

यह गुफा कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। भक्त या तो पारंपरिक दक्षिण कश्मीर पहलगाम मार्ग से या फिर उत्तर कश्मीर बालटाल मार्ग से गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं।

पारंपरिक पहलगाम गुफा मंदिर मार्ग 48 किलोमीटर लंबा है। जिससे बाबा बर्फानी तक पहुंचने में 4 से 5 दिन लग जाते हैं। दूसरा मार्ग बालटाल का है। ये 14 किलोमीटर लंबा है। इस मार्ग का चयन करने वाले लोग ‘दर्शन’ करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौट आते हैं।

उत्तरी कश्मीर मार्ग पर बालटाल और दक्षिण कश्मीर मार्ग पर चंदनवाड़ी में तीर्थयात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं।

अमरनाथ यात्रा 29 जून 2024 को शुरू हुई थी। यह 52 दिनों के बाद 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन के त्यौहार के साथ समाप्त होगी।