आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों को मिलता रहेगा लाभ, जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान

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श्रीनगर, 29 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीज निजी अस्पतालों में इलाज करा सकेंगे। निजी अस्पताल मरीजों को इलाज देने से मना नहीं कर सकते हैं।

जम्मू-कश्मीर के निजी अस्पतालों ने आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों को इलाज न मुहैया कराने का निर्णय लिया था। कहा था कि आगामी 1 सितंबर से ये सुविधा निजी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं होगी। अस्पतालों के इस फैसले का जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया। कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए निजी अस्पतालों से कहा है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों को इलाज की व्यवस्था जारी रखें।

दरअसल, निजी अस्पतालों ने हाल में एक फैसला किया। इस फैसले में कहा गया है कि उन पर कई करोड़ रुपये का बकाया इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी का है, जो उन्हें नहीं चुकाया गया है। जिसकी वजह से अस्पतालों पर भारी वित्तीय बोझ पड़ रहा है।

याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की। साथ ही निजी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वह अस्पतालों में मरीजों को इलाज की व्यवस्था आयुष्मान भारत योजना के तहत देते रहें।

आयुष्मान भारत-प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत कार्ड धारकों को 5 लाख रुपये का वार्षिक स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करती है। इस योजना को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के निवासियों की गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देने और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।

इस योजना के तहत पात्र लाभार्थी परिवारों को सूचीबद्ध स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं (ईएचसीपी) के नेटवर्क के माध्यम से स्वास्थ्य कवरेज प्रदान किया जाना है। सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पात्र परिवारों की परिभाषित श्रेणियों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने के लिए इस योजना को लागू करने का निर्णय लिया।

ज्ञात हो कि जम्मू-कश्मीर में आयुष्मान भारत योजना के तहत लाखों लोगों को फायदा हुआ है। इस योजना के तहत सरकार ने 250 अस्पतालों को जोड़ा है। इनमें निजी अस्पताल भी शामिल हैं। आंकड़ों के अनुसार, 69.85 लाख लाभाविन्तों को पंजीकृत किया गया है।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के लिए साल 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सेहत की शुरुआत की थी।