भोपाल : 14 जनवरी/ रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के टैगोर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों की मिस्टर प्रीतम प्यारे नाटक की मनमोहक प्रस्तुति आज रंगश्री लिटिल बैले टूप, भोपाल द्वारा दी गई। इस नाटक का नाट्य रूपांतर अरुण कुमार सिंह और निर्देशन कन्हैया लाल कैथवास द्वारा किया गया है। इस मौके पर विश्वविद्यालय की प्रो-चांसलर डॉ अदिति चतुर्वेदी वत्स, कुलपति प्रो रजनी कांत और कुलसचिव डॉ विजय सिंह जी विशेष रूप से उपस्थित थे।
नाटक के बारे में
मिस्टर प्रीतम प्यारे, क्लासिक ‘ला फार्स डे मैत्रे पाथेलिन’ पर आधारित एक देसी रूपान्तरण है। प्रीतम प्यारे एक चालाक व्यक्ति है जिसकी परिवारिक स्थिति ठीक नही है। वह विपरीत समय का सामना कर रहा है। वो अपनी सूझ-बूझ व चालाकी से जमुनादास से बिना एक भी पैसा दिये, उससे बहुत सा सामान खरीद लेता है पैसे घर पर आकर लेने का वादा कर चला जाता है। घर पर परिवार के लोग उसे पहचाने से इंकार कर देते ये स्थिति हास्यास्पद मोड़ लेती है जब जमुनादास अपने पैसे मांगने प्रीतम के यर जाता है, लेकिन प्रीतम और उसकी पत्नी गुल्लुमती उसके सामने प्रीतम के महीनों से बीमार होने का ढोग करते हैं। जीवन के उतार चढ़ाव की तरह नाटक बढ़ता है और जमुनादास अपने नौकर को घरेलू कारणों की वजह से कोर्ट में लेकर आता है। एक बार फिर प्रीतम प्यारे अपने शातिर दिमाग से नौकर को बचा लेते हैं। लेकिन परिणाम यह होता है कि प्रीतम प्यारे केस जीत कर भी मजाकिया तौर पर हार जाते हैं। एक हँसी और उल्लास से भरी शाम के लिए आइये हमारे साथ, क्योंकि जीवन के उतार चढ़ाव तो हँसते खेलते ही पार करने होते हैं।
निर्देशकीय
हमारे समाज में बहुत सारी कथाएं प्रचलित है जिनका लिखित प्रमाण नहीं मिलता है। मिस्टर प्रीतम प्यारे भी ऐसी ही कथा है जिसका लेखक कोई नही है इसको संग्रहित कर 1467 में किताब के रूप में निकाला है। इन छात्रों के साथ इस नाटक को भारतीय परिवेश में रूपांतरित कर कोमेडिया डेल आर्ट के भाव भंगिमाओं और विदुषकीय मेथडोलॉजी के साथ इस नाट्य की संरचना की है जिसमें छात्रों ने ही गाने लिखे हैं और उसे लय ताल में पिरोया है। हमेशा मेरा कार्य करने के पीछे उद्देश्य ये रहा है की छात्रों को क्या सीखने को मिला। 2024 के नए वर्ष में ये नाट्य प्रदर्शन आपको हंसने पर मजबूर करेगा।
मंच पर
जोकर – पूर्वी रायकवार, अमन जैन, अमित गुप्ता / किरण साहू, मनोज यादव, उदय भान यादव
गुल्लो साक्षी शुक्ला / रश्मि कुकरेती
बच्चा ऋषभ कुमार चतुर्वेदी / रश्मि कुकरेती
प्रीतम प्यारे मार्क फर्नाडिस / अमन जैन
जमुनादास मनोज यादव / अमित गुप्ता
पिता मार्क फर्नाडिस / उदय भान यादव
पोपट राजा राजा चौधरी
सुरैया किरण साहू / पूर्वी रायकवार
व्यायधीश ऋषभ कुमार चतुर्वेदी
मंच परे
नाट्य रूपांतरण – अरुण कुमार सिंह
गीत राम सिंह पटेल, मनोज यादव
गायन कोरस – अनिनेष सावंत, नेहा यादव, अनुष्का रणदीवे, प्रीति बिरहा, अर्चना केसरवानी, विशाल भाटी, प्रकाश कुमार, रामप्रताप सिंह, कंचन बिश्वास, अमरेश कुमार
संगीत सहायक राजा चौधरी अमित गुप्ता
प्रॉपर्टी – साक्षी शुक्ला, प्रशांत कुमार, ऋषभ कुमार चतुर्वेदी
मंच सहायक – पूर्वी रायकवार, उदय भान यादव, मार्क फर्नाडिस
वस्त्र निर्माण राकेश नामदेव
वस्त्र विन्यास सहायक रश्मि कुकरेती, मनोज यादव
वैशभूषा सहायक अमित गुप्ता, किरण साहू, हैदर अली
प्रकाश सहायक अमन जैन, हैदर अली
अंग गतिया उपेन्द्र मोहंता
ताल वाय निखिल बंसल, तरुण ठाकुर
संगीत – अक्षय सिंह ठाकुर
प्रकाश परिकल्पना – मैनुल अली सिद्दीकी
मंच एवं वस्त्र विन्यास परिकल्पना राम सिंह पटेल
पोस्टर ब्रोसर डिजाइन शेख इक्तेदार, अमन जैन
मंच प्रबंधक किरण साहू
सहायक निर्देशन नितिन पांडे
परिकल्पना एवम निर्देशन कन्हैया लाल कैथवास
विशेष सहयोग मनोज नायर, डॉ. आनन्द कुमार पांडे,
संतो कौशिक, डॉ. चैतन्य आठले,
शरद मिश्रा, सुजीत कलामंडलम, जीतमल,
समन्वय एवं प्रबंधन विक्रांत भट्ट
संपर्क: टैगोर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय