नई दिल्ली, 12 सितंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने बुधवार को आईएएनएस के साथ एक खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश में 513 मदरसों की सदस्यता रद्द होने के मुद्दे पर अपनी राय रखी। इसके अलावा, उन्होंने शिमला मस्जिद विवाद और रेलवे ट्रैक पर हो रहे हादसों के लिए भाजपा की ओर से तब्लीगी जमात के लोगों को जिम्मेदार ठहराए जाने पर भी प्रतिक्रिया जाहिर की।
उत्तर प्रदेश में 513 मदरसों की सदस्यता रद्द होने पर इमरान मसूद ने कहा कि मदरसों में बच्चों को धार्मिक शिक्षा दी जा रही है। लेकिन, सरकार अपने एजेंडे के तहत काम कर रही है। उसका एजेंडा नफ़रत फैलाने और नफरत की बात करने का है। मदरसे आपसे क्या ले रहे हैं, मदरसे आकर बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रहे हैं, उसमें आपको क्या आपत्ति है।
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या मदरसे आपसे पैसे ले रहे हैं। बच्चों को अगर शिक्षित करने का काम किया जा रहा है तो उसमें आपको क्या आपत्ति है? वहां कोई देश विरोधी शिक्षा थोड़े दी जा रही है। वह अपने धर्म की शिक्षा दे रहे हैं।
शिमला मस्जिद विवाद पर उन्होंने कहा कि उससे उनको क्या दिक्कत है, मुझे समझ में नहीं आता। यह दुर्भाग्य है कि इसके लिए वहां के कुछ हमारी ही पार्टी के नेता जिम्मेदार हैं। उन्होंने सारी स्थिति को खराब कर दिया। बिना वजह छोटी सी घटना को इतना बड़ा विवाद बना दिया। ऐसे लोगों की जुबान को लगाम देने की ज़रूरत है जो भाजपा की भाषा बोल रहे हैं।
रेलवे ट्रैक पर हो रहे हादसों के लिए भाजपा की ओर से तब्लीगी जमात के लोगों को जिम्मेदार ठहराए जाने पर उन्होंने कहा कि कोरोना भी तब्लीगी जमात के लोग लेकर आए थे। जब इनका कोई काम नहीं चलता, इन्हें तब्लीगी जमात, मुसलमान दिखाई देता है। अपनी विफलता को छुपाने के लिए ये हमेशा दूसरों के ऊपर ठीकरा फोड़ते हैं।