नई दिल्ली, 24 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा को एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
खास तौर पर यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
विदेश नीति विशेषज्ञों ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता की वकालत करने में भारत की सक्रिय भूमिका की प्रशंसा की है।
जाने-माने विदेश नीति विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेवा ने कहा कि पीएम मोदी की योजना युद्ध को समाप्त करना है।
उन्होंने कहा, “यूक्रेन के लिए पीएम मोदी की एकल सूत्रीय शांति योजना युद्ध को रोकना है। हम अनुमान लगा सकते हैं कि हमारा विदेश मंत्रालय खुद कह रहा है कि हां, ठोस बातचीत हुई है। कूटनीति में आप कभी भी चीजों को तब तक प्रकट नहीं करते, जब तक कि वे घटित न हो जाएं।”
उन्होंने कहा, शांति वार्ता में भारत की भूमिका अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में उसके बढ़ते प्रभाव को रेखांकित करता है। इसका मतलब है कि यह यात्रा बहुत ही व्यावहारिक रही है।
इससे पहले अमेरिका यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की थी और उनसे कहा था कि भारत संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।
दोनों नेताओं ने भविष्य के संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन के अवसर पर मुलाकात की और यूक्रेन की स्थिति के साथ-साथ शांति के मार्ग पर बढ़ने के तरीकों पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का एक बेहतर परिणाम यह है कि अमेरिका ने भारत में निर्मित सेमीकंडक्टर चिप्स खरीदने की प्रतिबद्धता जताई है।
रोबिंदर सचदेवा ने कहा, “अमेरिका ने द्विपक्षीय आधार पर प्रतिबद्धता जताई है कि अमेरिकी सेना ‘मेड इन इंडिया’ सेमीकंडक्टर चिप्स खरीदेगी। यह बहुत बड़ी बात है। इसका मतलब है कि अमेरिका भारत के साथ उच्च-स्तरीय तकनीक साझा करेगा, जिससे इस क्षेत्र में निवेश आएगा। भारत में चिप्स बनाए जाएंगे जो हमारी अपनी रक्षा के लिए भी उपयोगी होंगे। हमारा आयात खर्च कम होगा और जब हम निर्यात करेंगे तो हम कमाएंगे भी और हमारी तकनीक का स्तर भी बढ़ेगा।”