पानीपत, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा के माता-पिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि ‘चूरमा’ की तारीफ करने के लिए उनका खूब-खूब आभार।
भारतीय एथलीटों के साथ पीएम मोदी का बेहद खास कनेक्शन है। वे अक्सर खिलाड़ियों के साथ बातचीत करते हैं और लगातार उनका मनोबल बढ़ाते हुए नजर आते हैं।
वहीं, टोक्यो में गोल्ड जीतने से लेकर पेरिस ओलंपिक में नीरज चोपड़ा के सिल्वर तक, पीएम मोदी के साथ उनकी बातचीत के कई वीडियो आज भी सोशल मीडिया पर चर्चित हैं।
खास तौर पर पीएम मोदी की डिमांड ‘चूरमा’ हमेशा सुर्खियों में रहा और नीरज ने आखिरकार अपनी मां के हाथ का बना चूरमा पीएम मोदी को खिलाया।
हरियाणा की यह सिग्नेचर स्वीट डिश ‘चूरमा’ खाकर पीएम मोदी ‘मंत्रमुग्ध’ हो गए। वो इतने भावुक हो गए कि उन्हें अपनी मां की याद आ गयी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा की मां को पत्र लिखा है, और उनके स्नेह भाव के लिए उनका धन्यवाद करते हुए उनके भेजे चूरमा की तारीफ की।
पीएम मोदी एक कार्यक्रम के दौरान नीरज चोपड़ा से मिले थे। यहीं गोल्डन ब्वाय ने अपना वादा पूरा करते हुए पीएम मोदी को चूरमा खिलाया था।
अब, नीरज के माता-पिता ने बताया कि कैसे प्रधानमंत्री ने पेरिस ओलंपिक से पहले चूरमा मांगा था और, मजाक में कहा था कि पिछली बार वे इसे खाने से चूक गए थे, लेकिन इस बार नीरज ने इसे लाना सुनिश्चित किया। उन्हें बहुत गर्व महसूस हुआ जब पीएम मोदी ने उनके चूरमे की तारीफ की और यहां तक कहा कि नवरात्रि के त्यौहार के दौरान यह उन्हें ताकत देगा।
नीरज चोपड़ा के माता-पिता ने कहा, “पीएम मोदी ने खेलों से पहले हमसे कुछ कहा था, ‘भाई, हमें अभी भी चूरमा नहीं मिला है।”
पिछली बार वह चूक गए थे लेकिन इस बार नीरज अपने साथ चूरमा ले गए, और पीएम मोदी ने इसे खाया भी।”
उन्होंने आगे कहा, “जमैका के प्रधानमंत्री भी वहां मौजूद थे और सभी ने इसका लुत्फ उठाया। यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है और हमें बहुत खुशी है कि हमारे प्रधानमंत्री हमारे चूरमे की प्रशंसा कर रहे हैं।”
पीएम मोदी ने कहा था कि उन्हें नवरात्रि से एक दिन पहले यह चूरमा मिला। यह उन्हें नौ दिनों तक और जीवन भर राष्ट्र के लिए शक्ति प्रदान करता रहेगा।”
नीरज ने हाल ही में पेरिस ओलंपिक में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में रजत पदक जीता और इस महीने की शुरुआत में प्रतिष्ठित डायमंड लीग फाइनल में दूसरे स्थान के साथ अपने सत्र का समापन किया।
ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले 26 वर्षीय भारतीय एथलीट ब्रसेल्स में डायमंड लीग फाइनल में 87.86 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वह शीर्ष स्थान से केवल 1 सेंटीमीटर के अंतर से चूक गए।