जम्मू-कश्मीर को जल्द मिलेगा राज्य का दर्जा, आर्टिकल 370 हटाने पर बोले कविंदर गुप्ता

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जम्मू, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के बाद वोटों की गिनती भी हो चुकी है। चुनाव के नतीजे इंडी गठबंधन के पक्ष में आए हैं। अब सवाल उठ रहा है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा कब मिलेगा। इसे लेकर हर किसी के मन में संशय है। इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता कविंदर गुप्ता ने इस मुद्दे पर सफाई दी है। उन्होंने बुधवार को इस विषय पर प्रतिक्रिया देते हुए अपनी बात रखी।

आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को उचित समय पर राज्य का दर्जा दिया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री और प्रधानमंत्री पहले ही सार्वजनिक मंचों पर इसका जिक्र कर चुके हैं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी राज्य के दर्जे का समर्थन करती है। यह सत्ता में बैठे लोगों और उनके काम करने के तरीके पर निर्भर करता है। चुनाव से पहले पत्थरबाजों को छोड़ने, अनुच्छेद 370 को बहाल करने और पाकिस्तान के साथ व्यापार शुरू करने जैसे कई वादे किए गए थे। भाजपा जम्मू-कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य बनाएगी।

आर्टिकल 370 को वापस लाने के मामले पर उन्होंने कहा कि जहां तक ​​अनुच्छेद 370 की बात है, जो लोग इसे वापस लाना चाहते हैं, वे कोशिश करते रहें, लेकिन हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे। इसे खत्म करने में 70 साल लग गए। यह कभी वापस नहीं आएगा। लोगों को इसके बारे में सपने देखना छोड़ देना चाहिए। अनुच्छेद 370 के तहत भाई-भतीजावाद, आतंकवाद या पत्थरबाजी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि राहुल गांधी के बयानों से सभी वाकिफ हैं। उनके मुताबिक हरियाणा में हालात खराब हुए, लेकिन जम्मू-कश्मीर में कुछ हालात सुधरे। जम्मू-कश्मीर के लोगों ने उन्हें (कांग्रेस को) नकार दिया है। हमने यहां उनकी तथाकथित ‘मोहब्बत की दुकान’ बंद कर दी है। कांग्रेस जम्मू में मुश्किल से एक सीट जीत पाई, जिसके लिए हम उन्हें बधाई देते हैं। जम्मू के लोगों ने उन्हें नकार दिया है।

उन्होंने कहा, “मैं (राहुल गांधी की) मां को सलाह देना चाहूंगा कि वह नकारात्मक राजनीति करने के बजाय विकास और सकारात्मक काम पर ध्यान दें। नकारात्मक राजनीति के कारण ही जम्मू-कश्मीर में हालात खराब हुए। हार-जीत तो आम बात है। पिछली बार दो पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती हार गए थे। इसका फैसला पार्टी आगामी संगठनात्मक चुनाव में करेगी। किसी की जीत-हार मायने नहीं रखती, लेकिन नेतृत्व पर सवाल उठना स्वाभाविक है। हमारे लिए पार्टी अध्यक्ष सम्मानीय हैं और वह पार्टी के लिए काम करते रहेंगे।”