पिता की टाइप 2 डायबिटीज दवा का बच्चों की जन्मजात विकृतियों से संबंध नहीं : शोध

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नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। बड़े पैमाने पर किए गए एक शोध में कहा गया है कि परिवार की योजना बना रहे टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित पुरुष इस बात को लेकर आश्वस्त हो सकते हैं कि मेटफॉर्मिन दवा लेने से उनके बच्चे में जन्मजात विकृति का जोखिम नहीं बढ़ता है।

बीएमजे द्वारा प्रकाशित शोध के निष्कर्ष के लिए 30 लाख से अधिक शिशुओं के आंकड़ों का अध्ययन किया गया। इसमें पता चला है कि मेटफॉर्मिन बच्चे पैदा करने की योजना बना रहे पुरुषों में शुगर का स्तर प्रबंधित करने के लिए एक उपयुक्त दवा है।

मेटफॉर्मिन का उपयोग टाइप 2 डायबिटीज रोगियों के इलाज के लिए किया जाता है। हाल ही में हुए एक डेनिश अध्ययन में बताया गया था कि जो पिता मेटफॉर्मिन के उपयोग कर रहे हैं उनके पुरुष बच्चों में कुछ जन्‍मजात विकृतियां आ सकती हैं, विशेषकर जननांगों से संबंधित।

इसे समझने के लिए, ताइवान और नॉर्वे के शोधकर्ताओं ने विकृतियों और डायबिटीज की दवा के बीच संबंधों का मूल्यांकन करने का प्रयास किया।

उन्होंने राष्ट्रीय जन्म रजिस्ट्री और प्रिस्क्रिप्शन डेटाबेस का उपयोग किया और 2010-21 के दौरान नॉर्वे में शुक्राणु विकास (गर्भावस्था से तीन महीने पहले) की अवधि के दौरान पिता के ब्योरे वाले 6,19,389 शिशुओं की पहचान की, और 2004-2018 के दौरान ताइवान में 25,63,812 शिशुओं की पहचान की।

इनमें से नॉर्वे में 2,075 (0.3 प्रतिशत) और ताइवान में 15,276 (0.6 प्रतिशत) बच्चों के पिताओं ने शुक्राणु विकास अवधि के दौरान मेटफॉर्मिन का उपयोग किया था।

केवल टाइप 2 मधुमेह वाले पुरुषों को देखते हुए और पिता की आयु तथा संबंधित स्थितियों पर ध्‍यान केंद्रित करते हुए टीम ने पाया कि शुक्राणु विकास अवधि के दौरान नॉर्वे और ताइवान में मेटफॉर्मिन का उपयोग करने वाले पिता के बच्चों में किसी भी जन्मजात विकृति का कोई खतरा नहीं है।

नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी और ओस्लो यूनिवर्सिटी की टीम ने कहा, ”शोध के ये परिणाम परिवार की योजना बना रहे पुरुषों के बीच टाइप 2 डायबिटीज के उपचार में मेटफॉर्मिन का चयन करने के लिए चिकित्सकों को निर्णय लेने में सहायता कर सकते हैं।”